निंदूरा-बाराबंकी।
गांवों के विकास के साथ साथ ग्रामीण इलाके के लोगो को पलायन से रोकने के लिए उनके गांव में ही रोज़गार मुहैया कराने के लिए शुरू की गई मनरेगा योजना ग्रामप्रधानों, ब्लॉक के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए दुधारू गाय बनकर रह गयी है। ताज़ा मामला बाराबंकी के निंदूरा ब्लॉक से सामने आया है जहां के समरदा गांव निवासी एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी बाराबंकी को प्रार्थना पत्र देकर गांव में मनरेगा योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
निंदूरा विकास खंड क्षेत्र के समरदा गांव निवासी लालजी ने जिलाधिकारी को दिए प्रार्थना पत्र में बताया है कि ग्राम पंचायत के प्रधान, प्रधान प्रतिनिधि, पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक व ग्राम सेवक आदि लोगों ने आपसी साठगांठ कर मनरेगा योजना के नाम पर फर्जीवाडा करते हुए लाखो रुपए सरकारी धन का ग़बन किया है। फर्ज़ी तरीके से कमला देवी पत्नी राजाराम के खेत का समतली करण दिखाकर हज़ारों रुपए हड़प लिया गया। मनरेगा योजना के तहत शिवकुमारी पत्नी सियाराम के खेत का समतली करण मजदूरों द्वारा न कराकर ट्रैक्टर लेबलर से करवा रहे हैं। राम लखन के खेत से राजाराम के खेत तक नाले की सफाई व खुदाई का काम भी फर्ज़ी तरीक़े से दर्शाया गया है। तीनों कामों के नाम पर 1,94,813/- रुपए का घोटाला किया गया है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि इसके पूर्व भी उपरोक्त सभी लोग कई फर्ज़ी कार्य दिखाकर पैसा निकाल कर हड़प चुके हैं। इस सम्बन्ध में भी गांव के लोगों द्वारा उनके विरूद्ध ब्लाक अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया था। लेकिन अभी तक उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उल्टे प्रधान द्वारा धमकी दी जा रही है। शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी बाराबंकी को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच करवाकर कारवाई करने की मांग की है।
रिपोर्ट – ललित राजवंशी
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Author: Barabanki Express
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