“शरबत जिहाद” वाले बयान को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार, पांच दिन में वीडियो हटाने के दिए निर्देश।


नई दिल्ली।
हमदर्द के प्रसिद्ध उत्पाद ”रूहअफजा” को लेकर बाबा रामदेव द्वारा दिए गए ‘शरबत जिहाद’ संबंधी बयान पर मंगलवार को सख्त नाराजगी जताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई। रामदेव की ‘पतंजलि फूड्स लिमिटेड’ के खिलाफ ‘हमदर्द लैबोरेटरीज’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, कि ‘‘शरबत जिहाद’’ संबंधी कथित टिप्पणी अनुचित है, इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। अदालत ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड को पांच दिनों के अंदर इस बयान को हटाने के निर्देश दिये है।

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‘हमदर्द’ के तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायालय को बताया कि हाल में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि ‘हमदर्द’ के ‘रूह अफ़ज़ा’ से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया। हमदर्द के वकील ने अदालत को बताया कि यह मामला सिर्फ ‘रूह अफ़ज़ा’ की छवि को धूमिल करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे जाकर यह एक साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करने वाला मामला भी बनता है। वकील ने दलील दी कि बाबा रामदेव का यह बयान सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

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रामदेव के वकील ने कहा, प्रिंट या वीडियो में सभी विवादित विज्ञापन हटा दिए जाएंगे या उचित रूप से बदल दिए जाएंगे। कोर्ट ने कहा, इसे हलफनामे पर आना चाहिए। एक हलफनामा दर्ज किया जाए जिसमें कहा जाए कि वो भविष्य में इस तरह का कोई बयान या विज्ञापन, सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे।वकीलों में इस बात पर भी बहस हुई कि हलफनामे में क्या कहा जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा, एक हलफनामा दायर करें जिसमें यह सब शामिल हो, हम नहीं चाहते कि ऐसे मामले सामने आएं। कोर्ट ने कहा कि हलफनामा 5 दिनों में दायर किया जाए। अगली सुनवाई के लिए 1 मई को केस सूचीबद्ध किया गया है।

रिपोर्ट – नौमान माजिद

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Author: Barabanki Express

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