
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश।
मुजफ्फरनगर में प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में उस समय हड़कंप मच गया, जब उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार का एक सनसनीखेज पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र में उन्होंने महिला उप जिलाधिकारी (SDM) सदर निकिता शर्मा पर भूमाफियाओं के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर अवैध प्लॉटिंग कराने के बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब जनपद में सत्ताधारी दलों के नेताओं और अधिकारियों के बीच पहले से ही चली आ रही तनातनी अपने चरम पर है।
एक के बाद एक अधिकारियों पर नेताओं के आरोप:
दरअसल, पिछले कुछ समय से मुजफ्फरनगर में सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सत्तारूढ़ दलों के नेता लगातार असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। बीते दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने भी तहसील और थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। इसके बाद राष्ट्रीय लोकदल के विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान ने भी बुढाना की तत्कालीन एसडीएम मोनालिसा जौहरी के खिलाफ पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। अब कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार का यह पत्र सामने आने से स्थिति और भी विस्फोटक हो गई है, जिससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि शीर्ष स्तर पर सब कुछ ठीक नहीं है।

मंत्री का मुख्यमंत्री को भेजा गया गोपनीय पत्र वायरल:
कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने यह पत्र 7 मई, 2025 को सीधे प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा था। पत्र में SDM सदर निकिता शर्मा पर सीधे तौर पर आरोप लगाया गया है कि वह भूमाफियाओं से मिलीभगत कर जमीनों की अवैध प्लॉटिंग में संलिप्त हैं। इसके अलावा, पत्र में यह भी गंभीर शिकायत की गई है कि SDM सदर का जनप्रतिनिधियों और आम जनता के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है, जिससे जनता में भारी नाराजगी है।

अवैध प्लॉटिंग का गंभीर आरोप और ‘जीरो टॉलरेंस’ पर सवाल:
अवैध प्लॉटिंग का आरोप बेहद गंभीर है, क्योंकि इसमें अक्सर कृषि भूमि को बिना अनुमति के आवासीय या व्यावसायिक भूखंडों में बदलना, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करना और निर्धारित नियमों का उल्लंघन करना शामिल होता है। यह न केवल राजस्व को चूना लगाता है, बल्कि सुनियोजित शहरी विकास को भी बाधित करता है।

पत्र के वायरल होने के बाद जब मीडिया ने पुरकाजी सुरक्षित सीट से रालोद के विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार से इस मामले पर जानकारी मांगी, तो उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि सरकार की नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है और भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने SDM सदर पर भूमाफियाओं से मिलकर जमीनों की अवैध प्लॉटिंग कराने का आरोप फिर से दोहराया।
उच्च स्तरीय जांच के आदेश, जिलाधिकारी से मांगी रिपोर्ट:
इस हाई-प्रोफाइल पत्र के वायरल होने के तुरंत बाद शासन हरकत में आया है। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की ओर से जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को तत्काल पत्र लिखकर इस पूरे मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। यह घटना मुजफ्फरनगर में सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है और प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त शासन की छवि के लिए एक नई चुनौती पेश कर रही है। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं कि इस पूरे मामले में क्या खुलासे होते हैं और प्रशासन इस पर क्या कठोर कार्रवाई करता है।
रिपोर्ट – नौमान माजिद
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Author: Barabanki Express
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