Barabanki: सीएचसी में डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत, परिजनों ने स्टाफ नर्स पर लापरवाही का लगाया आरोप, जमकर किया हंगामा 

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बाराबंकी के सीएचसी हैदरगढ़ में डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत से हंगामा। परिजनों ने स्टाफ नर्स पर लापरवाही और जबरन प्रसव कराने का आरोप लगाया। पुलिस ने पहुंचकर मामला शांत कराया, जांच जारी।

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स्थान: बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
रिपोर्ट: मंसूफ अहमद 

 

जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैदरगढ़ में बुधवार की सुबह डिलीवरी के दौरान एक नवजात शिशु की मौत हो गई।
इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

 

घटना का पूरा विवरण:

जानकारी के अनुसार, कोतवाली हैदरगढ़ क्षेत्र के बेहटा गांव निवासी मंसाराम साहू ने मंगलवार दोपहर लगभग 12:30 बजे अपनी गर्भवती पत्नी सुधा (35 वर्ष) को प्रसव पीड़ा के चलते सीएचसी हैदरगढ़ में भर्ती कराया था।

पीड़ित मंसाराम ने बताया कि स्टाफ नर्स गीता यादव ने जांच के बाद कहा कि शाम 6 बजे या रात 10 बजे तक डिलीवरी हो सकती है। लेकिन रात 2 बजे, जब गांव की आशा बहू ने स्टाफ नर्स को बुलाया, तो उन्होंने डांटकर भगा दिया।

मंसाराम के अनुसार, रात 3:15 बजे सुनीता नाम की स्वास्थ्य कर्मी ने बच्चे की हार्टबीट चेक की, जो सामान्य थी। इसके बाद 3:30 बजे, स्टाफ नर्स गीता यादव ने बिना प्रसव पीड़ा के ही डिलीवरी का इंजेक्शन लगा दिया। आरोप है कि लगभग 4:45 बजे जबरन प्रसव कराया गया, जिससे नवजात शिशु की डिलीवरी के दौरान ही मौत हो गई।

 

परिजनों का आरोप और हंगामा:

परिजनों ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन लगाने के बाद जच्चा की हालत भी बिगड़ने लगी और ब्लीडिंग अधिक हो गई। नवजात की मौत के बाद मंसाराम व परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

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मंसाराम ने बताया कि वह पिछले 11 वर्षों से पुत्र की चाह में उपचार करा रहे थे और लाखों रुपये खर्च कर चुके थे। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टाफ नर्स ने उनसे तीन बार ग्लव्स, नारियल और आवले का तेल मंगवाया और दवाइयों के नाम पर पैसे भी वसूले।

 

स्टाफ नर्स और अधिकारियों का पक्ष:

स्टाफ नर्स गीता यादव ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मरीज की देखभाल में कोई लापरवाही नहीं की है।

वहीं चिकित्सा प्रभारी डॉ. जयशंकर पांडेय ने कहा कि “मामले की गहन जांच कराई जाएगी। यदि लापरवाही पाई गई तो विभागीय कार्यवाही के लिए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।”

 

पुलिस की कार्रवाई:

पुलिस ने बताया कि मामले की सूचना के बाद अस्पताल पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया गया। फिलहाल, परिजनों की तहरीर मिलने पर जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

 

निष्कर्ष:

सीएचसी हैदरगढ़ में हुई इस दर्दनाक घटना ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।


 

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Author: Barabanki Express

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