Barabanki: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक देवा मेला; जायरीनों से खुलेआम हो रही अवैध वसूली — प्रशासन की मौन सहमति?

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बाराबंकी के ऐतिहासिक देवा मेला में श्रद्धालुओं से पार्किंग और ठेकों के नाम पर अवैध वसूली का खुला खेल। बाराबंकी एक्सप्रेस की ग्राउंड रिपोर्ट में बड़ा खुलासा — अधिकारी मौन, भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर उठे सवाल।

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।

बाराबंकी जिले के देवा कस्बे में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता की याद में लगने वाला ऐतिहासिक देवा मेला इस बार भव्य आयोजन के बजाय अव्यवस्था, गंदगी और भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। प्रदेश की योगी सरकार भले ही “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति पर भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करे, लेकिन राजधानी से मात्र 30 किलोमीटर दूर यह मेला अधिकारी‑ठेकेदार गठजोड़ की लूट का केंद्र बन गया है।

 

भव्य आयोजन के वादों की पोल खुली

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवा मेले को दिव्य और भव्य रूप देने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई दावे किए, परंतु 8 अक्टूबर को उद्घाटन के दिन मेले में पानी, कीचड़ और अव्यवस्था चारों ओर दिखी। श्रद्धालु असुविधा और गंदगी के बीच निकलते रहे, जबकि अधिकारी मंचों पर भाषणों में उपलब्धियां गिनाते रहे।

Barabanki: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक देवा मेला; जायरीनों से हो रही अवैध वसूली — प्रशासन की मौन सहमति?

मामला यही खत्म नहीं हुआ बल्कि हद तो तब हो गई जब विभिन्न ठेकों के नाम पर मेला कमेटी द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को श्रद्धालुओं की जेब पर डाका डालने का खुला लाइसेंस थमा दिया गया। कार, मोटरसाइकिल स्टैण्ड पर निर्धारित से कई गुना अधिक वसूली की शिकायतों की हकीकत जानने के लिए जब हमारी टीम ने ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर मेला परिसर में चल रहे पार्किंग स्टैंडो की पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई।

पार्किंग के नाम पर श्रद्धालुओं से लूट — कोई दर नहीं, कोई पारदर्शिता नहीं

हमारी रिपोर्टिंग टीम ने मेले के विभिन्न पार्किंग स्टैण्ड — देवा बाराबंकी, देवा कुर्सी, देवा फतेहपुर और देवा चिनहट मार्गों — पर पड़ताल की। तो भ्रष्टाचार की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं।

किसी भी स्टैंड पर पार्किंग दर का रेट बोर्ड नहीं दिखा, न ही रसीदों पर शुल्क का उल्लेख मिला। जिससे अवैध वसूली को बढ़ावा मिल रहा है। मोटरसाइकिल के लिए 50 रुपये और कारों के लिए 100 से 150 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जोकि मेला कमेटी द्वारा तय दर से कही अधिक है।

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बस चालकों ने खोली अवैध वसूली की पोल

यहां तक कि बस और बड़े वाहनों से 400 से 500 रुपये तक वसूले जा रहे। हैरान करने वाली बात ये है, कि यह वसूली किसी छिपे कोने में नहीं, बल्कि पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में खुलेआम हो रही है।

देवा कुर्सी रोड पर मौजूद पार्किंग में बहराइच से आए बस ड्राइवर संजय वर्मा ने बताया —

 “बस पार्क करने के ₹400 वसूले गए, जबकि रसीद पर शुल्क का कोई जिक्र नहीं है।”

 

इसी तरह कुशीनगर के दिनेश कुमार और बहराइच के सद्दाम हुसैन ने भी यही शिकायत दोहराई। उनके मुताबिक,  400-400 रुपए नकद लेकर जो रसीद दी गई उस पर “कार पार्किंग” लिखा है, न तो बस का जिक्र है और न निर्धारित शुल्क का।

‘शिबली मियां’ के नाम पर चल रहा बस का अवैध पार्किंग स्टैण्ड 

देवा-कुर्सी रोड पर स्थित एक पार्किंग स्टैंड पर मौजूद कर्मचारी ने बताया कि ठेका ‘शिबली मियां’ के नाम पर है। जिसे पूरा देवा जानता है। मगर जब मेला कमेटी के कर्मचारी शक्कू से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने चौंकाने वाली बात बताई, उनके मुताबिक  —

“बस, ट्रक और डीसीएम जैसे वाहनों के लिए कोई आधिकारिक पार्किंग ठेका नहीं दिया गया है। केवल मोटरसाइकिल और कार पार्किंग के ठेके स्वीकृत हैं।”

 

मतलब साफ है — बसों से हो रही 400–500 रुपये की वसूली पूरी तरह अवैध हैं — और यह सब पुलिस की मौजूदगी में जारी है।

प्रशासन से संपर्क की कोशिशें नाकाम

इस खुले भ्रष्टाचार पर प्रतिक्रिया लेने के लिए हमारी टीम ने 13 से 14 अक्टूबर के बीच मेला सचिव और एडीएम बाराबंकी अरुण कुमार सिंह के सीयूजी नंबर पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन लगातार घंटी जाने के बावजूद फोन रिसीव नहीं किया गया।

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वहीं, मेला कमेटी के अध्यक्ष और डीएम बाराबंकी के सीयूजी नंबर पर कॉल करने पर एक कर्मचारी ने फोन रिसीव किया और कहा — “साहब मेला में हैं, फिलहाल बात नहीं हो सकती।”

यानी जिम्मेदार अधिकारी मामले पर मौन हैं, जबकि जायरीनों से अवैध वसूली पूरे शबाब पर है।

देश-विदेश से आने वाले जायरीन हो रहे परेशान

देवा मेला में देश-विदेश से लाखों की संख्या में जायरीन आते हैं।
मगर इस बार मेला कमेटी और ठेकेदारों की खुली लूट खसोट ने इसकी साख पर दाग लगा दिया है। श्रद्धालुओं का कहना है कि “सूफी संत की धरती पर जब भ्रष्टाचार खुलेआम हो, तो सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का क्या अर्थ रह जाता है?”

श्रद्धालु सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेकर इन अवैध वसूली करने वालों और इन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।


रिपोर्ट – कामरान अल्वी 

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Barabanki Express
Author: Barabanki Express

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