Barabanki:
बाराबंकी के हैदरगढ़ ब्लॉक में मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला में डॉक्टरों की गैरहाज़िरी, जांच सुविधाओं की कमी और फार्मासिस्टों पर निर्भर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुली।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना था, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जहां कागजों पर मरीजों को इलाज व जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने की रिपोर्ट भेजकर वाहवाही लूट रहे हैं, वहीं वास्तविकता में इन मेलों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और सुविधाओं का अभाव लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है।
हैदरगढ़ ब्लॉक के सराय गोपी पीएचसी पर डॉक्टर नदारद
रविवार को हैदरगढ़ ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सराय गोपी पर जब हमारी टीम ने दोपहर लगभग 2 बजे पहुंचकर जायजा लिया, तो अस्पताल तो खुला मिला, लेकिन पूरे मेला परिसर में न कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही किसी जांच की व्यवस्था थी।
अस्पताल में केवल फार्मासिस्ट चंद्रशेखर दवा कक्ष में अकेले बैठे नजर आए। उन्होंने बताया कि यहां तैनात डॉक्टर का कुछ दिन पहले ही स्थानांतरण हो चुका है और अभी तक कोई नया डॉक्टर नियुक्त नहीं किया गया है।

जब इस मामले में चिकित्सा प्रभारी डॉ. शंकर पांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा, “यहां पर तैनात डॉक्टर को दो दिन पहले ही रिलीव कर दिया गया है। डॉक्टरों की कमी के कारण फिलहाल व्यवस्था नहीं हो सकी है, लेकिन अगले सप्ताह तक नई तैनाती कर दी जाएगी।”
सुबेहा पीएचसी में भी वही हाल, केवल फार्मासिस्ट संभाल रहे मोर्चा
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुबेहा का भी हाल सराय गोपी जैसा ही रहा। यहां फार्मासिस्ट पुष्पेंद्र तिवारी अकेले ही पूरे स्वास्थ्य मेले का संचालन करते नजर आए। उन्होंने बताया कि संबंधित डॉक्टर की ड्यूटी दीपोत्सव, अयोध्या में लगी हुई है और जांच के लिए कोई लैब टेक्नीशियन (LT) मौजूद नहीं है।
फार्मासिस्ट के अनुसार, “आज मेला में करीब 33 मरीज आए थे, जिन्हें केवल दवाएं वितरित की गई हैं।”
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से नाराज ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला सिर्फ कागजों तक सीमित होकर रह गया है। लोग स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद में अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन न डॉक्टर मिलते हैं और न कोई जांच सुविधा।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस तरह की लापरवाहियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
📝 रिपोर्ट – मंसूफ़ अहमद
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Author: Barabanki Express
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