Barabanki: डीएम शशांक त्रिपाठी का एक और सराहनीय कार्य, ट्रेन हादसे में याददाश्त गवाने के चलते 5 साल से गुमनामी की ज़िंदगी जी रही महिला की परिजनों से कराई मुलाकात

 


बाराबंकी-यूपी
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के विशेष प्रयासों से पांच साल से जिला अस्पताल में गुमनामी की जिंदगी जी रही पार्वती आज शनिवार को अपने परिवार वालो से मिल सकी। पार्वती के पति विजय कुमार पटेरिया, पुत्री उपमा पटेरिया व बहन किरन पटेरिया, भाई राजेश कुमार जब उसे घर ले जाने के लिये आये तो माहौल भावुक हो उठा। अपने परिजनों से मिलकर पार्वती की आँखों में आँसू आ गए और वह अपने परिजनों को गले लगाकर फफक कर रोने लगी।

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शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी, एडीएम इन्द्रसेन, एसडीएम विवेकशील यादव, एसडीएम मधुमिता सिंह व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अवधेश यादव आदि अधिकारियों की उपस्थिति में विदाई कार्यक्रम आयोजित कर पार्वती व उसके परिजनों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया और पार्वती को ढेरों उपहार देकर विदा किया गया। बीते 5 साल से पार्वती की परिवार के सदस्य की तरह देखभाल करने वाली अस्पताल कर्मी रोमा, किरन, सुमन व आशा कनौजिया सहित अन्य महिलाएं भी उपस्थित रही। पार्वती ने सबके साथ फोटो खिंचवाईं और अपनी पुत्री, बहन, पति व भाई से सबको मिलवाया। पार्वती को अपने बीच पाकर पति विजय कुमार पटेरिया, पुत्री उपमा पटेरिया व बहन किरन पटेरिया सहित भाई राजेश कुमार ने जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और एसडीएम (न्यायिक) विवेकशील यादव व डीएसटीओ प्रतिभा यादव सहित मुख्य चिकित्साधिकारी और अस्पताल के कमर्चारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उनके प्रति आभार प्रकट किया।

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घायल अवस्था में 5 वर्ष पूर्व मिली थी पार्वती

बताया जा रहा कि 14 अक्टूबर 2019 की शाम पार्वती नगर के मोहल्ला सत्यप्रेमी नगर के रामाश्रम के निकट घायल अवस्था में पड़ी थी। सभासद पंकज मिश्रा ने पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दी थी। पुलिस के अनुसार वह ट्रेन से गिरकर घायल हुई थी इसके बाद किसी तरह से रेलवे लाइन किनारे से उठकर रामाश्रम तक पहुँची थी। गहरी चोट लगने के कारण वह अपनी याददाश्त खो चुकी थी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उसके घर वालों का पता न चलने के कारण पार्वती जिला अस्पताल में ही रह रही थी।

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इस तरह लगा पार्वती के परिवार का पता

एक अखबार में छपी खबर को संज्ञान लेकर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने पार्वती के परिजनों का पता लगाने के लिये एसडीएम (न्यायिक) विवेकशील यादव व डीएसटीओ प्रतिभा यादव को महिला के परिजनों की तलाश करने की जिम्मेदारी सौंपी। एसडीएम विवेकशील यादव ने बताया कि महिला की याददाश्त कमजोर हो जाने से उसे घर का पता याद नहीं था वह केवल छिंदवाड़ा, छितरवारा शब्द ही बोल पा रही थी। उसके पास पहचान सम्बंधित कोई कागजात भी नहीं थे। पार्वती की भाषा महोबा जिले के जैसी होने से महोबा जिले के अधिकारियों से सम्पर्क किया गया। जिले की तहसील कुल्पाहार में छितरवारा नामक गांव है। एसडीएम विवेकशील यादव ने कुल्पाहार तहसील में तैनात रह चुके मौजूदा समय में फिरोजाबाद जिले के तहसीलदार कृषराज से सम्पर्क किया तो उन्होंने छितरवारा गांव के लेखपाल राम कुमार के माध्यम से पार्वती के पति विजय व जेठ संजय पटेरिया से बात कराई। वीडियो कॉल कराने पर परिजनों ने पार्वती की पहचान की।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद

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Author: Barabanki Express

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