
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
बाराबंकी के सफदरगंज थाना क्षेत्र के रहरामऊ गांव में धान की रोपाई के दौरान हुए विवाद ने एक परिवार को दहशत में डाल दिया है। जानलेवा हमले के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से दबंगों के हौसले बुलंद हैं, और वे अब पीड़ित परिवार को ऐलानिया तौर पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। भयभीत पीड़ित सूर्यभान ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनके और उनके परिवार की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
क्या है पूरा मामला?
सूर्यभान पुत्र राममिलन (निवासी रहरामऊ, सफदरगंज, बाराबंकी) ने पुलिस अधीक्षक को दिए अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि 2 जुलाई, 2025 को सुबह करीब 5:30 बजे, वह अपने दोनों भाइयों अमित कुमार और शिव कुमार (पुत्रगण राममिलन) के साथ ग्राम बड़गांव स्थित खेत में पानी लगाने गए थे। तभी विपक्षी अमित कुमार और आकाश कुमार (पुत्रगण दिनेश प्रसाद, निवासी डेढ़ुआ, मसौली, बाराबंकी) ने उन्हें पानी लगाने से मना किया और पानी रोक दिया। विरोध करने पर विपक्षी गाली-गलौज करने लगे और बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने सूर्यभान के भाइयों पर जान से मारने की नीयत से फावड़े जैसे धारदार हथियार से हमला कर दिया।
इस हमले में सूर्यभान के दोनों भाइयों के सिर और शरीर पर प्राण घातक गंभीर चोटें आईं। जब सूर्यभान अपने भाइयों को बचाने की कोशिश करते हुए भागने लगे, तो विपक्षी ने उन्हें अपने ट्रैक्टर से कुचलने का भी प्रयास किया। वर्तमान में, दोनों घायल भाई बाराबंकी जिला अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।
पुलिस पर आरोप और दबंगों का दुस्साहस
पीड़ित सूर्यभान का आरोप है कि इस मामले की शिकायत पर मसौली पुलिस ने खानापूरी करते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा संख्या 291/2025, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109, 115(2) और 352 के तहत पंजीकृत कर लिया है।
हालांकि, पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से उनके हौसले काफी बुलंद हो गए हैं। सूर्यभान ने बताया कि विपक्षी अब उनके घर के चक्कर लगा रहे हैं और खुलेआम धमकी दे रहे हैं कि “इस बार जान से मार देंगे और हमारी थाने की पुलिस कुछ नहीं करेगी, हमारी थाने की पुलिस से बात हो गई है।” इस धमकी से सूर्यभान और उनका पूरा परिवार अत्यधिक भयभीत है।
सूर्यभान ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि मुल्जिमानों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि उन्हें अपने घायल भाइयों का इलाज कराने और मुकदमे की पैरवी करने में भी जान का खतरा महसूस हो रहा है। पीड़ित परिवार ने अपनी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। यह घटना पुलिस की कार्रवाई और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, जब एक पीड़ित परिवार को न्याय और सुरक्षा के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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