अमित शाह का बड़ा ऐलान: “अगले 5 साल में FIR से सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में मिलेगा न्याय” – लखनऊ में 60,244 पुलिसकर्मियों को मिले नियुक्ति पत्र


लखनऊ, यूपी।
उत्तर प्रदेश में पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने और न्याय प्रक्रिया को तेज करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को लखनऊ के वृंदावन योजना, सेक्टर 18 स्थित डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में 60,244 नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। अमित शाह ने इस अवसर पर ऐलान किया कि अगले पांच वर्षों में देश में ऐसी व्यवस्था बन जाएगी, जहाँ किसी भी FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का न्याय मात्र तीन साल के भीतर मिल सकेगा।
योगी सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की शाह ने की सराहना
अपने संबोधन में अमित शाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी और समावेशी भर्ती प्रक्रिया की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में यूपी पुलिस ने योग्यता आधारित और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया चलाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शाह ने विशेष रूप से जोर दिया कि इन नियुक्तियों में न खर्च, न पर्ची, न सिफारिश और न ही जाति के आधार पर कोई भेदभाव हुआ, बल्कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर संपन्न हुई है। उन्होंने कहा कि 60,244 युवाओं में से किसी को भी एक पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी।
यूपी पुलिस: देश का सबसे बड़ा बल और कानून-व्यवस्था में सुधार
अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा पुलिस बल है और आज 60,244 युवा इसके अभिन्न अंग बन रहे हैं। उन्होंने इसे नवनियुक्त कार्मिकों के जीवन का सबसे शुभ और गौरव का क्षण बताया। शाह ने खुशी व्यक्त की कि इन नियुक्तियों में 12 हजार से अधिक बेटियां भी शामिल हैं, और महिलाओं के लिए आरक्षित पदों का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित किया गया है।

उन्होंने 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में आए बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के बाद से प्रदेश की कानून-व्यवस्था लगातार बिगड़ती रही थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी पुलिस ने नई बुलंदियों को छुआ। शाह ने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश अब दंगों का गढ़ नहीं, बल्कि दंगामुक्त हो चुका है, और गुंडों का फरमान अब नहीं चलता।
आधुनिकीकरण और नए कानून: 3 साल में न्याय का लक्ष्य
केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता जैसे नए कानूनों के लागू होने से अगले पांच वर्षों में देश में ऐसी व्यवस्था बनेगी, जहाँ किसी भी एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का न्याय तीन साल के भीतर मिल सकेगा। उन्होंने CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स), ICJS (इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) और फॉरेंसिक साइंस जैसी तकनीकों के योगदान की भी सराहना की।
सीएम योगी: “जितना पसीना बहाएंगे, उतना कम खून बहेगा”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को प्रेरित करते हुए कहा, “वर्दीधारी ट्रेनिंग में जितना पसीना बहाएंगे, जीवन में उतना ही कम खून बहेगा।” उन्होंने महाकुंभ में पुलिस की भूमिका को एक मिसाल बताते हुए कहा कि पुलिस बल केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का प्रतीक बन रहा है। सीएम योगी ने 2017 से पहले की भर्ती प्रक्रियाओं में व्याप्त भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब पैसे और सिफारिश के बिना भी नौकरी मिलना संभव है, जो पहले असंभव था। उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

देश का उत्थान, नक्सलवाद-आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस
अमित शाह ने अपने संबोधन में देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर भी बात की। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं और भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आज चौथे स्थान पर आ गया है, जो 2027 तक तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगा। उन्होंने नक्सलवाद और आतंकवाद पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का भी जिक्र किया, कहा कि नक्सलवाद अब केवल तीन जिलों तक सीमित रह गया है और 2026 तक भारत नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा।
अमृत काल में यूपी पुलिस की भूमिका और सांस्कृतिक उपलब्धियां
शाह ने नवनियुक्त कार्मिकों से कहा कि वे अमृत काल में यूपी पुलिस का हिस्सा बन रहे हैं और 2047 तक जब भारत विश्व में सर्वप्रथम होगा, तब यूपी का योगदान सबसे बड़ा होगा। उन्होंने सुरक्षा, सेवा और संवेदनशीलता के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया, और कहा कि पुलिस का डर गुंडों और माफियाओं पर सख्त होना चाहिए, लेकिन गरीबों के लिए पुलिस को मसीहा के रूप में दिखना चाहिए। उन्होंने अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, काशी विश्वनाथ धाम के पुनरुद्धार और ट्रिपल तलाक की समाप्ति जैसी सांस्कृतिक और सामाजिक उपलब्धियों का भी उल्लेख किया।
नियुक्ति पत्र वितरण और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने व्यक्तिगत रूप से 15 नवनियुक्त आरक्षियों – सत्यम नायक, प्रेम सागर, शालिनी शाक्य, उपेन्द्र कुमार यादव, शिल्पा सिंह, दीनू बाबू, योगेन्द्र सिंह, शिवांश पटेल, मनीष त्रिपाठी, रोशन जहां, आजाद कुशवाहा, मिथिलेश भट्ट, सोनी रावत, नेहा गोंड, और सचिन सैनी – को नियुक्ति पत्र वितरित किए।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह, अन्य मंत्रीगण, मुख्य सचिव, डीजीपी, और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे। यूपी पुलिस का हिस्सा बन रहे 60,244 नवनियुक्त आरक्षीगण सहित प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 826 विकासखंडों और 762 नगर निकायों से संबंधित प्रतिनिधि भी इस भव्य समारोह का हिस्सा बने।
रिपोर्ट – नौमान माजिद 

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Author: Barabanki Express

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