Barabanki:
बाराबंकी के चकौरा गांव में स्वच्छ भारत मिशन की खुली पोल — नालियां जाम, सड़कें कीचड़ से भरीं, पंचायत भवन और शौचालय बंद, ग्रामीण परेशान।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। विकास खंड हैदरगढ़ के अंतर्गत आने वाले चकौरा गांव में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। गांव में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने से सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीवन नारकीय बन गया है।
गांव के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक जलभराव और कीचड़ की स्थिति बनी रहती है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कीचड़ भरे रास्तों से निकलते समय कई बार बच्चे फिसलकर चोटिल हो जाते हैं, वहीं मोटरसाइकिल सवारों के कपड़े गंदे हो जाते हैं।
प्रशासन की लापरवाही पर ग्रामीणों में नाराजगी
ग्रामीण राम प्रताप यादव ने बताया कि गांव में नालियों का निर्माण या तो हुआ ही नहीं या फिर जो बनीं थीं, वे मिट्टी और कचरे से पूरी तरह भर चुकी हैं। इससे घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है।
उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई अधिकारी गांव का हाल देखने नहीं आया। इस कारण दूषित पानी से संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं, और कई लोग बुखार और संक्रमण से पीड़ित हैं।
सचिव बोले – “ग्रामीण खुद नालियां पाट देते हैं”
ग्राम पंचायत सचिव अजय कुमार ने बताया कि सफाईकर्मियों द्वारा नालियों की सफाई की जाती है, लेकिन कुछ ग्रामीण खुद नालियों को मिट्टी से पाट देते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ नोटिस जारी करने की बात कही गई है। हालांकि, अब तक किसी ठोस समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
पंचायत भवन और शौचालय बने शोपीस
सरकार ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए गांव में लाखों रुपए की लागत से पंचायत भवन बनवाया, लेकिन अब वह हमेशा बंद रहता है।

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत कर्मचारी कभी कार्यालय नहीं आते, जिससे उन्हें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए 35 किलोमीटर दूर ब्लॉक मुख्यालय जाना पड़ता है।
इसी तरह सामुदायिक शौचालय भी सालों से बंद पड़ा है। वहां हमेशा ताला लटका रहता है और किसी तरह का संचालन नहीं हो रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ध्यान नहीं दिया तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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