Barabanki:
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति बी.आर. गवई पर जूता फेंकने वाले अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ समाजवादी पार्टी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र वर्मा मुकदमा दर्ज कराएंगे। अखिलेश यादव ने दी कार्रवाई की अनुमति।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई पर अदालत के भीतर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले एडवोकेट राकेश किशोर के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
समाजवादी पार्टी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र वर्मा ने घोषणा की है कि वे राकेश किशोर के खिलाफ बाराबंकी जिले में मुकदमा दर्ज कराएंगे। उन्होंने इस घटना को संविधान पर हमला बताते हुए कहा की समाजवादी अधिवक्ता सभा प्रदेश के हर ज़िले में कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रही है।
क्या है पूरा मामला
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने अदालत के अंदर अचानक मुख्य न्यायमूर्ति बी.आर. गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था।
हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उन्हें ऐसा करने से रोक लिया लेकिन यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई थी। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ अधिवक्ता नेता नरेंद्र वर्मा ने पूरे प्रदेश में कानूनी लड़ाई छेड़ने का ऐलान किया है।
नरेंद्र वर्मा का बयान
नरेंद्र वर्मा ने कहा कि राकेश किशोर द्वारा किया गया कृत्य न केवल एक न्यायिक मर्यादा का उल्लंघन है बल्कि यह भारत के संविधान पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा —
“जब देश की सबसे बड़ी अदालत के अंदर मुख्य न्यायमूर्ति सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? इस घटना ने पूरे देश के साथ उनकी आत्मा को भी झकझोर दिया है।”
वर्मा ने आगे कहा कि राकेश किशोर ने घटना के बाद यह कहकर अपने कृत्य को सही ठहराने की कोशिश की कि “भगवान ने ऐसा करने को कहा”, लेकिन अब मेरी आत्मा भी उन्हें कानून का पाठ याद दिलाने का बोल रही है इस लिए अब उन्हें कानून की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
अखिलेश यादव से ली अनुमति
नरेंद्र वर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर कानूनी कार्रवाई की अनुमति मांगी। अखिलेश यादव ने कहा कि —
“राकेश किशोर ने जज पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान पर जूता फेंका है। सभी अधिवक्ता अपने-अपने जिलों में एफआईआर दर्ज कराएं ताकि भविष्य में कोई ऐसा दुस्साहस न करे।”
अखिलेश यादव से अनुमति मिलने के बाद नरेंद्र वर्मा अब बाराबंकी में केस दर्ज कराने की तैयारी में हैं।
नरेंद्र वर्मा का उद्देश्य
वर्मा ने स्पष्ट किया कि यह कदम न्यायपालिका की गरिमा और संविधान की रक्षा के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को भी अदालत की मर्यादा तोड़ने का अधिकार नहीं है और इस तरह की घटनाओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है।
रिपोर्ट – मंसूफ़ अहमद
यह भी पढ़ें..
-
IT प्रोफेशनल की संदिग्ध मौत: इंस्टाग्राम पर पोस्ट सुसाइड नोट में RSS-BJP से जुड़े ‘NM’ नाम के व्यक्ति समेत कई अन्य पर यौन शोषण का आरोप
-
Barabanki: कल्पना साड़ी सेंटर के मालिक नीरज जैन ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को मारी गोली, हुई मौत, मौके से 3 पन्ने का सुसाइड नोट बरामद
-
Barabanki: पुलिस की मौजूदगी में युवक ने उड़ाई ‘कानून’ की धज्जियां, कार्रवाई के बदले तमाशा देखते रहे कानून के रखवाले — क्या कानून सिर्फ आम जनता के लिए है?
-
Barabanki: आधी रात को रॉयल अवध ढाबा बना अखाड़ा, प्रेमी ने मिलने के बहाने बुलाया, फिर परिजनों के साथ मिलकर बेरहमी से कर दी प्रेमिका की पिटाई, CCTV में कैद हुई वारदात
Author: Barabanki Express
शहर की हर गली से लेकर राजनीतिक गलियारों तक, शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक, और अपराध से लेकर समाज सेवा तक – बाराबंकी एक्सप्रेस लेकर आता है पल-पल की सच्ची और विश्वसनीय ख़बरें। हमारा मिशन है, आपकी आवाज़ बनना, आपकी समस्याओं को उठाना और आपको अपने शहर के हर पहलू से अवगत कराना। ज़मीनी रिपोर्टिंग और निष्पक्ष पत्रकारिता के साथ, बाराबंकी एक्सप्रेस है आपकी जानकारी का सच्चा साथी।
















