Barabanki:
बाराबंकी में कपड़ा व्यापारी नीरज जैन ने लक्ष्मणपुरी कॉलोनी स्थित घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घटनास्थल से सुसाइड नोट और व्यापारी का लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद किया है।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
ज़िले की नगर कोतवाली क्षेत्र में रविवार देर रात एक सनसनीखेज घटना ने पूरे शहर को दहला दिया। शहर के प्रसिद्ध कपड़ा व्यवसाई नीरज जैन (50) पुत्र अशोक जैन ने अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना लक्ष्मणपुरी कॉलोनी स्थित किराए के आवास की है, जहां व्यापारी अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
किराए के मकान में लाइसेंसी हथियार से मारी गोली
जानकारी के अनुसार, धनोखर चौराहे पर स्थित कल्पना साड़ी सेंटर के मालिक नीरज जैन मूल रूप से सरावगी मोहल्ले के निवासी थे और वर्तमान में लक्ष्मणपुरी कॉलोनी में किराए पर रह रहे थे। रविवार रात को वे घर पर अकेले थे। इसी दौरान उन्होंने अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली चलने की आवाज से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
घटनास्थल से मिला 3 पेज का सुसाइड नोट
सूचना पाकर नगर कोतवाली पुलिस और फॉरेन्सिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से लाइसेंसी हथियार और तीन पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
परिजनों ने बताया कि मृतक के सुसाइड नोट में लेन-देन के झगड़ों और आर्थिक तनाव का जिक्र किया गया है।
लेन देन को लेकर चल रहे थे परेशान
परिजनों के मुताबिक, नीरज जैन को बीते दिनों व्यापार के 96 लाख का नुकसान हो गया था। बैंक से उनकी दुकान और मकान नीलम होने वाले थे। इससे बचने के लिए उन्होंने उमाकांत उपाध्याय, वीर बहादुर, रंजीत, शिव वर्मा और अमरीश बाजपेई से ब्याज पर पैसा लिया था।
परिजनों के अनुसार लोन की रकम चुकाने के बावजूद उक्त लोगों ने फर्जी तरीके से दुकान का एग्रीमेंट अपने नाम करा लिया और 36 लाख रुपए हड़प लिए। मृतक के छोटे भाई केडी जैन ने आरोप लगाया कि रविवार शाम उमाकांत उपाध्याय ने कर्ज को लेकर फोन पर काफी गाली गलौज किया और उनकी पत्नी को लेकर भी अपशब्द कहे। इसी के बाद से वो काफी तनाव में थे।
आएं दिन सरेआम बेइज्जत करते थे आरोपी
परिजनों के अनुसार आरोपी अक्सर सरेआम बेइज्जत करते थे और फोन पर धमकाते थे। उमाकांत उपाध्याय रिटायर्ड दरोगा है और वो आएं दिन पुलिस की धमकी देता था। जिसके कारण वे मानसिक रूप से परेशान थे। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट की सामग्री का परीक्षण किया जा रहा है।
अब जीने की हिम्मत नहीं…
नीरज जैन के सुसाइड नोट की पंक्तियां हर किसी की आंखें नम कर रही हैं। मैं कर्ज और लेनदारों के टॉर्चर से परेशान हो गया हूं। मैंने पैसे लौटा दिए, लेकिन आरोपियों ने धोखे से 36 लाख रुपये हड़प लिए। मेरी दुकान का एग्रीमेंट भी फर्जी कागजों से अपने नाम कर लिया। रोज़ की धमकियां और गालियां अब बर्दाश्त से बाहर हैं। मौत ही मेरा आखिरी सहारा है। मेरी मौत के बाद मेरी पत्नी और बच्चों को अगर कोई परेशान करेगा तो मेरी मौत का जिम्मेदार वही सूदखोर होंगे। नीरज ने वसीयत की कि उनकी मौत के बाद उनका शरीर मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाए और आंखें ज़रूरतमंदों को दी जाएं।
पिछले वर्ष व्यापारी हर्ष टंडन हुए थे सूदखोरों के शिकार
पिछले वर्ष सूदखोरी से परेशान होकर व्यापारी हर्ष टंडन ने भी लाइसेंसी हथियार से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। लोग अभी उस हादसे से उबर भी नहीं पाए थे कि नीरज जैन की मौत ने एक बार फिर व्यापारियों के मन में गहरा खौफ बैठा दिया है। लोगों का कहना है कि अगर हर्ष टंडन की मौत के बाद प्रशासन ने सूदखोरों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की होती तो नीरज आज जिंदा होते।
सूदखोर के साथ नीरज जैन की आखिरी बातचीत का ऑडियो
रिपोर्ट – मंसूफ़ अहमद
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Author: Barabanki Express
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