Barabanki:
बाराबंकी के सुबेहा नगर पंचायत के हसनपुर वार्ड में एक गरीब परिवार पिछले पांच साल से झोपड़ी में रह रहा है। न प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला, न राशन कार्ड। अब मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई गई है।

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)।
ज़िले की नगर पंचायत सुबेहा में अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां के हसनपुर वार्ड में रहने वाला एक गरीब परिवार पिछले पाँच वर्षों से झोपड़ी में जीवन यापन करने को मजबूर है।
ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें पक्का घर मिला, और ना ही सरकार की राशन योजना का लाभ। अब परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
पांच साल से झोपड़ी में गुजर-बसर, हर दिन मौत का डर
हसनपुर वार्ड निवासी सबरुल निशा पत्नी मोहम्मद अहमद का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ एक कच्ची झोपड़ी में रहती हैं। झोपड़ी की हालत इतनी जर्जर है कि बरसात के दिनों में पानी टपकता है और दीवारों से सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीव-जंतु निकलते रहते हैं। रातों को परिवार डर के साए में सोने को मजबूर है।
सबरुल निशा के पति मोहम्मद अहमद दिहाड़ी मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पेट पालते हैं। उन्होंने बताया कि काम न मिलने पर कई बार परिवार को भूखे पेट सोना पड़ता है।
अधिकारियों की अनदेखी, नहीं बना राशन कार्ड
सबरुल निशा का कहना है कि उन्होंने हैदरगढ़ के पूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अब तक कार्ड जारी नहीं हुआ। कई बार नगर पंचायत सुबेहा और तहसील मुख्यालय पर गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा —
“हम गरीब लोग हैं, हमारे पास कोई सिफारिश नहीं है। अधिकारी हमारी बात सुनते ही नहीं। पांच साल से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, हकीकत में कोई मदद नहीं मिली।”
प्रधानमंत्री आवास योजना से भी वंचित
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य है कि हर गरीब को सिर पर छत मिले, लेकिन सबरुल निशा जैसी कई महिलाएं आज भी खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
परिवार ने नगर पंचायत के अधिकारियों से लेकर तहसील प्रशासन तक दर्जनों बार आवेदन दिए, लेकिन आज तक कोई सर्वे नहीं किया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबेहा में कई पात्र गरीब ऐसे हैं जिन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला, जबकि अपात्र लोगों के नाम सूची में शामिल हैं।
मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार
थक-हारकर अब पीड़िता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की मंशा है कि कोई गरीब बेघर न रहे, तो स्थानीय अधिकारीयों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।
ग्रामीणों ने भी जिला प्रशासन से मांग की है कि सबरुल निशा जैसे वंचित परिवारों को तत्काल प्रधानमंत्री आवास योजना और राशन कार्ड का लाभ दिया जाए।
ग्रामीणों में नाराज़गी
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण क्षेत्र में गरीब परिवारों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। अक्सर लोग अधिकारियों के चक्कर लगाते हैं, लेकिन सुनवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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