कानपुर में ‘कुर्सी की जंग’: एक ही ऑफिस, एक ही पद, लेकिन दो-दो अधिकारियों ने ठोंकी ‘दावेदारी’, दफ्तर बना अखाड़ा… Video

 


कानपुर, उत्तर प्रदेश।
कानपुर के स्वास्थ्य विभाग में आज बुधवार 9 जुलाई, 2025 को एक अभूतपूर्व स्थिति देखने को मिली, जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की कुर्सी को लेकर दो वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने आ गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट से निलंबन रद्द होने के बाद पूर्व CMO डॉ. हरिदत्त नेमी अचानक दफ्तर पहुंचे और अपनी कुर्सी संभाल ली, वर्तमान में शासन द्वारा नियुक्त CMO डॉ. उदयनाथ को जब इसकी जानकारी लगी तो वो पुलिस लेकर मौके पर आ धमके। इस अनोखी ‘कुर्सी की जंग’ ने मीडिया और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी।
हाईकोर्ट से बहाली, फिर दफ्तर में एंट्री
डॉ. हरिदत्त नेमी को कुछ सप्ताह पहले कानपुर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह से कथित विवाद के चलते शासन ने निलंबित कर दिया था। इस निलंबन को चुनौती देते हुए डॉ. नेमी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने बताया कि मंगलवार (8 जुलाई, 2025) को हाईकोर्ट ने उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें पूर्व पद पर बहाल करते हुए कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी।
हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर डॉ. नेमी बुधवार को सुबह ही सीएमओ दफ्तर पहुंच गए और अपनी कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि मुझे पूर्व स्थान पर ही बहाल किया जाए। मैंने आदेश की कॉपी उपलब्ध करा दी है।”
वर्तमान CMO पुलिस के साथ पहुंचे, जोरदार बहस
इधर, जब वर्तमान CMO डॉ. उदयनाथ को डॉ. नेमी के कार्यालय पहुंचने की खबर मिली, तो वह भी पुलिस बल के साथ सीएमओ ऑफिस आ पहुंचे। मीडिया के कैमरों के सामने ही दोनों अधिकारियों के बीच जोरदार बहस और तू-तू-मैं-मैं शुरू हो गई। डॉ. नेमी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे।

डॉ. उदयनाथ ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “मुझे प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कानपुर सीएमओ पद की जिम्मेदारी दी है। जब तक मुझे शासन से कोई नया आदेश नहीं मिलता, मैं अपनी ड्यूटी यहीं निभाता रहूंगा।” इस असमंजस की स्थिति में दोनों अधिकारी एक ही कमरे में, अलग-अलग कुर्सियों पर बैठ गए।

डॉ. उदयनाथ ने इस दौरान लखनऊ में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को फोन भी किए, जिसके बाद वह दफ्तर से निकल गए। फिलहाल, सीएमओ की कुर्सी पर निलंबित किए गए डॉ. हरिदत्त नेमी ही पदस्थापित हैं।
क्यों हुआ था निलंबन?
डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन एक वायरल ऑडियो क्लिप के बाद हुआ था। इस क्लिप में एक व्यक्ति कथित तौर पर जिलाधिकारी के खिलाफ टिप्पणी करते हुए और पैसों की व्यवस्था को लेकर बातचीत करता सुनाई देता है। दावा किया गया था कि यह आवाज डॉ. नेमी की है। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि, “यह मेरी आवाज नहीं है, यह मुझे बदनाम करने की साजिश है। आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से किसी की भी आवाज को मॉर्फ किया जा सकता है।”
यह विवाद तब और बढ़ा जब जिलाधिकारी ने एक बैठक में उनसे ऑडियो को लेकर जवाब मांगा, और संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें बैठक से बाहर निकाल दिया। इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया और उनकी जगह डॉ. उदयनाथ की तैनाती कर दी थी।
अब देखना यह होगा कि इस ‘कुर्सी की जंग’ में शासन का अगला कदम क्या होता है और कौन सा अधिकारी स्थायी रूप से सीएमओ की कुर्सी पर काबिज होता है।
रिपोर्ट – नौमान माजिद 

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Author: Barabanki Express

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