आजमगढ़, यूपी।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से एक ऐसा चौंकाने वाला और अभूतपूर्व मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक गलियारे में भूचाल ला दिया है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) अरुण सचदेव ने सीधे जिलाधिकारी (DM) रविंद्र कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उन्हें कैंप ऑफिस में बुलाकर डंडे से पीटा गया। सचदेव का कहना है कि डीएम ने कथित तौर पर उनसे कहा, “तुम खुद को हीरो समझते हो? तुमसे बड़ा हीरो मैं हूं!” – और इसके बाद उन पर हमला किया गया, जिससे उनका आत्मसम्मान बुरी तरह आहत हुआ है।
क्या है पूरा मामला? डीएम ने कमरे में बुलाया, मोबाइल जमा कराया और फिर..
यह पूरा प्रकरण 13 जून की शाम का है। कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य सचिव की एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग चल रही थी, जिसमें बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची और विस्थापित लोगों की जानकारी मांगी गई थी। बैठक खत्म होने के बाद, अरुण सचदेव को जिलाधिकारी के कैंप ऑफिस बुलाया गया। एक्सईएन सचदेव के अनुसार, कैंप ऑफिस में स्टेनो द्वारा उन्हें निर्देश दिया गया कि वे अपना मोबाइल फोन जमा करके ही जिलाधिकारी के कमरे में प्रवेश करें।

अभियंता अरुण सचदेव का आरोप है कि डीएम रविंद्र कुमार ने कमरे में उनके साथ बेहद अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने कथित तौर पर सचदेव से कहा, “तुम खुद को हीरो समझते हो? तुमसे बड़ा हीरो मैं हूं।”– और इसके ठीक बाद, सचदेव का आरोप है कि जिलाधिकारी ने कथित रूप से डंडे से उन पर दो-तीन बार वार किया और धमकी भरे लहजे में कहा, “कुछ नहीं कर पाओगे, जो कहना है कह दो।” इस भयावह घटना के बाद उन्हें तत्काल कमरे से बाहर निकाल दिया गया।
चीफ इंजीनियर और विभागाध्यक्ष को भेजी शिकायत, स्थानांतरण की मांग
इस अपमानजनक और शारीरिक हमले से आहत अरुण सचदेव ने पूरे मामले की विस्तृत शिकायत अपने विभाग के चीफ इंजीनियर और लखनऊ स्थित विभागाध्यक्ष को भेजी है। उन्होंने अपनी शिकायत में मांग की है कि जिलाधिकारी के इस तरह के अलोकतांत्रिक और अपमानजनक व्यवहार को गंभीरता से लिया जाए और उनका तत्काल किसी अन्य जिले में स्थानांतरण किया जाए।
अरुण सचदेव ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “डीएम के इस बर्ताव से मेरा आत्मसम्मान बुरी तरह आहत हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में यह मेरे अधिकारों का हनन है। ऐसी घटनाएं कर्मचारियों के मनोबल को पूरी तरह तोड़ देती हैं और उन्हें भयभीत करती हैं।”
फिलहाल, इस गंभीर आरोप के संबंध में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यह मामला अब प्रदेश के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में गरमा गया है और देखना होगा कि इस पर उच्चाधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।

रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
Author: Barabanki Express
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