
बाराबंकी-यूपी।
“ऑपरेशन त्रिनेत्र” के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना शुरू की थी। इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना और सार्वजनिक स्थानों की निगरानी करना था। जिससे अपराध होने की स्थिति में दोषियों को पकड़ने में मदद सके। लेकिन राजधानी से सटे बाराबंकी के निन्दूरा ब्लाक में जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते इस योजना के तहत प्रमुख चौराहों एवं सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे शो-पीस बनकर रह गए हैं।
ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत विकास खण्ड निन्दूरा क्षेत्र की सभी 88 ग्राम पंचायतो में ग्राम सचिवालय, प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय, प्रमुख मार्गों, मुख्य चौराहों/तिराहों, ग्राम पंचायतों के मुख्य प्रवेश द्वार एवं निकास द्वार, सामुदायिक शौचालय आदि पर लाखों खर्च कर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। योजना के मुताबिक ग्राम पंचायत सचिवालय में इनका कंट्रोल रूम स्थापित कर उसे स्थानीय थाने, ब्लॉक मुख्यालय, जनपद मुख्यालय और पुलिस मुख्यालय से जोड़ा जाना था। लेकिन इन कैमरों के लगाने में इस कदर भ्रष्टाचार हुआ कि कंट्रोल रूम बनने से पहले ही अधिकतर जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे बन्द होकर शो-पीस बन गए है।
ग्राम पंचायत बिसई अंतर्गत लखनऊ महमूदाबाद मार्ग पर कुण्डवा चौराहे पर लगाया गया सीसीटीवी कैमरा बंद पड़ा है। इसी तरह क्षेत्र की बड्डूपुर, बजगहनी, पिपरौली, इटौंजा, भद्रास, कतुरी कला में पंचायत भवन के सामने लगे कैमरे गायब हो गए है।वही रीवा सीमा पेट्रोल पंप के पास और रीवा सीवा आर्यावर्त बैंक के पास लगे कैमरे गायब है। वही ज्यादातर ग्राम पंचायतों में लगे कैमरे खराब पड़े हैं। ग्राम पंचायत पिण्डसावा में एक कैमरा काफी समय से खराब पड़ा है। शिकायत करने के बाद भी कोई उसकी सुध लेने नहीं पहुंच रहा। वही ग्राम पंचायत हाजीपुर और ग्राम पंचायत मल्लावां में लगे सीसीटीवी कैमरे रिचार्ज ना होने के चलते बंद पड़े है। पंचायत निधि में लाखों के वारे न्यारे करने वाले ग्राम प्रधान इन्हें रिचार्ज कराने की भी जरूरत नही समझ रहे।
सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए कैमरो की दिशा भी सही नही हैं। कोई कैमरा आसमान की ओर देख रहा है तो कोई कैमरा जमीन की ओर देख रहा है। ऐसे में ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत जिस उद्देश्य से यह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, उसका मकसद पूरा होता नहीं दिख रहा है। वही क्षेत्र में कोई आपराधिक घटना घटने के बाद सरकारी कैमरे खराब होने के चलते पुलिस अपराधियों की पहचान के लिए आसपास की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज पर निर्भर रहती है। फुटेज के लिए कई कई दिनों तक पुलिस दुकानदारों को परेशान करती है। जिसे लेकर व्यापारियों में भी नाराज़गी दिखाई देती है।

रिपोर्ट – ललित राजवंशी
Author: Barabanki Express
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