Sonam Wangchuk: क्या पर्यावरण और शिक्षा सुधार की बात करना अपराध है? वांगचुक की पत्नी डॉ गीतांजलि ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से पूछा सवाल 

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लद्दाख के शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी डॉ. गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पति की NSA के तहत हुई गिरफ्तारी पर सवाल उठाए और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।

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लेह-लद्दाख।

लद्दाख के जाने-माने शिक्षा सुधारक और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर अब उनकी पत्नी डॉ. गीतांजलि अंगमो ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री, कानून मंत्री और लद्दाख के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अपने पति की तत्काल रिहाई (Immediate Release) की मांग की है।

 

26 सितंबर से NSA के तहत हिरासत में

पत्र में डॉ. अंगमो ने लिखा कि 26 सितंबर 2025 को उन्हें लेह के SHO इंस्पेक्टर रिगजिन गुरमेट से फोन आया, जिसमें बताया गया कि सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (National Security Act 1980, Section 3(2)) के तहत हिरासत में लिया गया है और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह गिरफ्तारी नहीं बल्कि “NSA के तहत डिटेंशन” है। लेकिन आज तक (1 अक्टूबर 2025) उन्हें अपने पति से बात करने नहीं दी गई और न ही उनकी स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।

 

परिवार और संस्था पर निगरानी

डॉ. अंगमो ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें और उनके हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) को CRPF निगरानी में रखा गया है। संस्थान के दो सदस्यों को बिना किसी स्पष्ट कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। यहां तक कि मीडिया को भी कैंपस में प्रवेश नहीं दिया गया ताकि सच्चाई बाहर न आ सके।

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“क्या पर्यावरण और शिक्षा सुधार की बात करना अपराध है?”

पत्र में उन्होंने लिखा –

“क्या जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियरों के पिघलने, शिक्षा सुधार और नवाचार की बात करना अपराध है? क्या शांतिपूर्ण और गांधीवादी तरीके से आदिवासी क्षेत्र की आवाज उठाना देशद्रोह है? मेरे पति ने हमेशा सेना के साथ खड़े होकर सीमाओं की सुरक्षा के लिए काम किया है, फिर भी उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताकर जेल भेजना दुर्भाग्यपूर्ण है।”

 

सोनम वांगचुक की हालत पर चिंता

उन्होंने चिंता जताई कि वांगचुक को डिटेंशन के वक्त कपड़े और दवाइयाँ तक नहीं लेने दी गईं। सितंबर में किए गए 15 दिन के उपवास से उनकी तबीयत पहले ही कमजोर हो चुकी है, ऐसे में उनके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर आशंका बनी हुई है।

सरकार से 4 सवाल

डॉ. गीतांजलि अंगमो ने अपने पत्र में केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से चार अहम सवाल पूछे:

  1. क्या मुझे अपने पति से फोन या मुलाकात का अधिकार नहीं है?
  2. क्या मुझे यह जानने का हक नहीं है कि उन्हें किन आधारों पर हिरासत में लिया गया?
  3. क्या मुझे उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा करने से रोका जा सकता है?
  4. क्या शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहना इस देश में अपराध है?

 

‘सोनम वांगचुक राष्ट्र के लिए समर्पित’

उन्होंने कहा कि वांगचुक ने हमेशा लद्दाख की जनता और भारतीय सेना के लिए काम किया है। उनकी गिरफ्तारी लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

“हम राष्ट्रपति महोदया से अपील करते हैं कि वे इस अन्यायपूर्ण डिटेंशन को खत्म कर सोनम वांगचुक की तुरंत रिहाई सुनिश्चित करें।”

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Author: Barabanki Express

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