
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेटे और बीजेपी नेता व उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव के पति प्रतीक यादव ने एक रियल एस्टेट कारोबारी और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रतीक यादव ने धोखाधड़ी, करीब 4 करोड़ रुपये से अधिक की रंगदारी मांगने और पॉक्सो एक्ट में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इस संबंध में लखनऊ के गौतमपल्ली थाना में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह घटना राजनीतिक गलियारों के साथ ही आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है।
क्या है पूरा मामला?
गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में प्रतीक यादव ने बताया कि वर्ष 2011-12 में उनकी मुलाकात पूर्वांचल सिटी, चिनहट निवासी कृष्णानंद पांडेय पुत्र अशोक कुमार पाण्डेय से हुई थी। प्रतीक के अनुसार, कृष्णानंद उनकी जीवनशैली और व्यापार से प्रभावित हुए और कई बार उनके पास व्यापार के प्रस्ताव लेकर आए। लगभग 2-3 वर्षों तक मेलजोल बढ़ाने और व्यापार के लिए दबाव डालने के बाद, प्रतीक यादव कृष्णानंद पांडेय के प्रलोभन में आ गए।
कृष्णानंद पांडेय ने प्रतीक यादव के सामने एक प्रस्ताव रखा कि लखनऊ के विस्तार को देखते हुए यदि प्रतीक के सहयोग से वह शहीद पथ के आसपास कुछ भूमि का अधिग्रहण कर लें, जिसे भविष्य में उचित मूल्य पर बेचकर धन कमाया जा सकता है। चूंकि कृष्णानंद पांडेय पहले से ही रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े थे, प्रतीक उनकी बातों में आ गए।
इस उद्देश्य से 25 मई 2015 को मोनल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी की स्थापना की गई, जिसमें कृष्णानंद पांडेय निदेशक थे और प्रतीक यादव एक प्रमोटर के रूप में कंपनी में निवेश किया। यह निवेश कृष्णानंद पांडेय के आश्वासन, प्रलोभन और उच्च रिटर्न के वादे को ध्यान में रखकर किया गया था। चूंकि प्रतीक यादव एक उद्यमी और सामाजिक कार्यों में निरंतर प्रतिभाग करने वाले व्यक्ति हैं, इसलिए उन्होंने कंपनी की खरीद, बिक्री और अनुबंध की सभी जिम्मेदारियां कृष्णानंद पांडेय को निष्पादित करने हेतु निदेशक नियुक्त कर दिया।
शिकायत में कहा गया है कि कृष्णानंद पांडेय की नीयत शुरुआत से ही प्रतीक को धोखा देने और उनके सामाजिक संपर्कों का उपयोग कर केवल स्वयं का लाभ पहुंचाना था। इसी कारण कृष्णानंद पांडेय ने कंपनी के कार्यों को दरकिनार कर दिया, जिससे प्रतीक और कंपनी दोनों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ, और कृष्णानंद पांडेय ने व्यक्तिगत लाभ प्राप्त कर सारा धन गबन कर लिया।
इसी दौरान, कृष्णानंद पांडेय ने प्रतीक यादव के स्टाफ और अन्य लोगों से निकटता बढ़ाई और उनके अन्य व्यवसायों की जानकारी भी जुटा ली। इसके बाद, कृष्णानंद पांडेय कभी अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर या अपने परिवार की झूठी विषम परिस्थितियों का हवाला देकर प्रतीक से आए दिन उधार के रूप में आर्थिक मदद लेने लगे, जिसे उन्होंने बाद में वापस करने का वादा किया था। चूंकि प्रतीक यादव एक सामाजिक व्यक्ति हैं और एनजीओ व समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं, वे कृष्णानंद पांडेय की बातों में आकर समय-समय पर विभिन्न तिथियों में उनकी आवश्यकता के अनुसार उधार पूरी करने लगे।
वर्ष 2020 में प्रतीक यादव कोविड-19 की चपेट में आ गए, जिसके दुष्परिणामस्वरूप उनकी सेहत काफी खराब रहने लगी। कोविड से ठीक होने के बाद भी इसका दुष्प्रभाव उनकी सेहत पर पड़ा, जिससे न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्थिति भी प्रभावित हुई। प्रतीक के परिवार से उनकी माँ का देहांत सितंबर 2022 में, पिता का अक्टूबर 2022 में और मामा का नवंबर 2022 में हो जाने से उन्हें गहरा झटका लगा, और उनकी सेहत बद से बदतर हो गई। इस दौरान उनका इलाज मेदांता अस्पताल, लखनऊ में चलने लगा।
प्रतीक यादव ने आरोप लगाया कि इस मौके का फायदा उठाकर कृष्णानंद पांडेय ने उन पर कभी व्यापार के नाम पर तो कभी निजी समस्या का हवाला देते हुए धन प्राप्त करने का हथकंडा अपनाया, और उनके सामाजिक संपर्कों का फायदा लेते रहे। इस षड्यंत्र में कृष्णानंद पांडेय के साथ उनकी पत्नी वंदना पांडेय और उनके पिता अशोक कुमार पांडेय भी शामिल रहे।
प्रतीक यादव के स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने पर जब उन्हें अपने सूत्रों से पता चला कि कृष्णानंद पांडेय एक असामाजिक और अनैतिक चरित्र का व्यक्ति है, जो विभिन्न गलत कामों में लिप्त है, और उसने प्रतीक से निकटता केवल उनके सामाजिक संपर्कों का दुरुपयोग करने तथा शुरुआत से ही उनका धन हड़पने की नीयत से की थी। जब प्रतीक यादव ने कृष्णानंद पांडेय को उनके कुकृत्यों से अवगत कराकर हिसाब-किताब मांगा, तो कृष्णानंद पांडेय ने पहले टालमटोल किया, और बार-बार पूछने पर उन्होंने ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से प्रतीक को झूठे पॉक्सो जैसे गंभीर मुकदमों में फंसाने की धमकी दी। हाल ही में, कृष्णानंद पांडेय ने प्रतीक यादव के विरुद्ध मीडिया में कूटरचित तरीके से फर्जी बनाई गई एक ऑडियो क्लिप वायरल कर प्रतीक और उनके परिवार की छवि धूमिल करने की धमकी भी दी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी ने प्रतीक यादव से फोन और ईमेल के जरिए चार करोड़ रुपये से अधिक की रंगदारी मांगी। इस मामले में प्रतीक यादव की शिकायत के आधार पर गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 308(3) (धोखाधड़ी), 318(4) (रंगदारी), और आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री प्रकाशित/प्रसारित करना) के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट – नौमान माजिद
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Author: Barabanki Express
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