Lucknow: “जब जनता एकजुटता दिखाती है तो सरकारें बदल जाती हैं, जैसा कि बांग्लादेश और नेपाल में हुआ।” – मौलाना कल्बे जवाद

Lucknow:

मौलाना कल्बे जवाद ने वक्फ संशोधन कानून को पूरी तरह वापस लेने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट पर राजनीतिक दबाव का आरोप, हुसैनाबाद ट्रस्ट पर भी सवाल।

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश को लेकर मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव और इमाम-ए-जुमा मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह फैसला मुसलमानों की चिंताओं को दूर करने में नाकाम रहा है और अदालत पर राजनीतिक दबाव साफ झलकता है।

 

“सरकार का असली मकसद वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना”

मौलाना जवाद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पर दबाव डाल रही है और जजों को धमकाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अदालत ने “वक्फ बाय यूज़र” पर कोई निर्णय नहीं दिया, जबकि मुसलमानों की सबसे बड़ी आपत्ति इसी बिंदु पर थी। इसके बावजूद अदालत ने वक्फ संपत्तियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन का आदेश दे दिया है।

मौलाना ने सवाल उठाया –

👉 क्या अदालत और सरकार राम मंदिर ट्रस्ट या अन्य धार्मिक ट्रस्टों में मुसलमानों को सदस्य बना सकती है?
👉 जब ऐसा संभव नहीं, तो वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का रास्ता क्यों खोला गया?

 

“तीन धाराओं पर रोक नाकाफी, पूरा कानून वापस हो”

उन्होंने कहा कि अदालत ने जिन तीन धाराओं पर रोक लगाई है, वह सराहनीय जरूर है, लेकिन असली लड़ाई अभी बाकी है। मुसलमान 200-400 साल पुराने वक्फ दस्तावेज़ कहां से लाएंगे? ऐसे में यह कानून केवल वक्फ संपत्तियों को हड़पने का माध्यम है।

 

हुसैनाबाद ट्रस्ट पर गंभीर आरोप

मौलाना कल्बे जवाद ने हुसैनाबाद ट्रस्ट में हो रहे भ्रष्टाचार और कब्जों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा –

  • सरकार ने हुसैनाबाद ट्रस्ट की अधिकांश संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है।
  • फूल मंडी और घंटा घर की ओर जाने वाली पूरी सड़क वक्फ हुसैनाबाद की थी, जिस पर कब्जा कर लिया गया।
  • ज़िलाधिकारी ने वक्फ हुसैनाबाद को प्राइवेट ट्रस्ट बताकर RTI से बाहर कर दिया, जिससे कोई हिसाब-किताब सामने नहीं आ रहा।
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आंदोलन की चेतावनी

मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून की वापसी और हुसैनाबाद ट्रस्ट की हिफाज़त के लिए जल्द ही उलमा और अंजुमनों की बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने अपील की कि सभी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर आंदोलन चलाया जाए।

मौलाना ने कहा कि “जब जनता एकजुटता दिखाती है तो सरकारें बदल जाती हैं, जैसा कि बांग्लादेश और नेपाल में हुआ।”


 

रिपोर्ट – नौमान माजिद 

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Author: Barabanki Express

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