Barabanki:
बाराबंकी के मसौली थाने में दरोगा का वीडियो वायरल होने से पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठे। वीडियो में दरोगा ने खुद स्वीकार किया कि यादव पक्ष की गलती के बावजूद मुस्लिम पक्ष पर मुकदमा दर्ज हुआ।

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
जिले के मसौली थाना क्षेत्र के देवकलिया गांव में दो समुदायों के बीच हुए विवाद में पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो पुलिस की एक पक्षीय कार्यवाही को उजागर करता नजर आ रहा है।
वायरल वीडियो में मसौली थाने में ही तैनात उपनिरीक्षक राहुल शर्मा एक फोन कॉल पर बातचीत करते हुए कथित तौर पर यह कहते सुने जा रहे हैं कि विवाद के मामले में गलत पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वीडियो में दरोगा यह भी स्वीकार करते दिख रहे हैं कि यादव पक्ष की ओर से गलत मुकदमा लिखा गया है, जबकि मुस्लिम पक्ष के लोग बेकसूर हैं।
करीब 49 सेकंड के इस वीडियो में दरोगा फोन पर किसी से बात करते हुए कहते सुने जा रहे हैं — “मुकदमा वादी चंद्रशेखर यादव है न, ये दुष्ट पार्टी है। फर्जी में खुद गईया बांधा है और दूसरों को बदनाम कर रहा है। यही हरामखोर है… मुकदमा इनका नहीं लिखना था, मुकदमा लिखना था मोहमडन पक्ष से। मुसलमान बेचारे निर्दोष हैं, उल्टा इनका मुकदमा लिख गया…”
वीडियो में उपनिरीक्षक यह भी कहते हैं कि यादव पक्ष के लोग गलत जगह पर गाय बांध रहे थे और वही विवाद की जड़ बने।
देखे वायरल वीडियो
गौरतलब है कि बीती 10 अक्टूबर को देवकलिया गांव में यादव और मुस्लिम समुदायों के बीच मारपीट हुई थी। इस मामले में यादव पक्ष की तहरीर पर मुस्लिम पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था, जबकि मुस्लिम पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
अब जब दरोगा का यह वीडियो सामने आया है, तो ग्रामीणों में भारी नाराजगी फैल गई है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने निष्पक्षता दिखाने के बजाय एक पक्ष का समर्थन किया, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल उठाता है।
पुलिस की कार्यवाही पर संदेह
इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने मसौली पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर दरोगा स्वयं यह स्वीकार कर रहे हैं कि मुकदमा गलत पक्ष के खिलाफ लिखा गया, तो अब तक पुलिस विभाग ने सुधारात्मक कदम क्यों नहीं उठाए?
ग्रामीणों की मांग
देवकलिया गांव के निवासियों ने उच्चाधिकारियों से प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है । ग्रामीणों ने कहा कि ऐसी घटनाएं आम जनता के न्याय के प्रति विश्वास को कमजोर करती हैं।
प्रशासनिक चुप्पी
फिलहाल मसौली थाना प्रभारी या बाराबंकी पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, वीडियो के सामने आने के बाद विभाग के अंदर भी हलचल तेज हो गई है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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