
बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
जिले की नगर कोतवाली क्षेत्र में दहेज उत्पीड़न का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नवविवाहिता ने अपनी शादी के कुछ ही दिनों बाद पति, ससुर, ननद और मामा-मामी पर ₹10 लाख नकद और एक वरना गाड़ी की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
नगर कोतवाली इलाके की रहने वाली पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी 21 अप्रैल 2025 को जैन धर्म रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई थी। पीड़िता का आरोप है कि उसके पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया था। विवाह के तुरंत बाद ही, पीड़िता अपने ससुराल गई और पत्नी के धर्म का पालन करने लगी।
पीड़िता का आरोप है कि शादी के तुरंत बाद से ही उसके पति अंकित जैन, ननद मीनक जैन, ससुर सुनील कुमार जैन और पति के मामा-मामी दहेज में ₹10 लाख और एक वरना गाड़ी की अतिरिक्त मांग को लेकर उसे मानसिक रूप से परेशान करने लगे।
हनीमून पर भी नहीं रुका उत्पीड़न
हद तो तब हो गई जब पीड़िता 23 अप्रैल से 28 अप्रैल 2025 तक अपने पति के साथ घूमने के लिए शिमला गई। पीड़िता ने बताया कि शिमला में भी उसका पति लगातार 10 लाख रुपये और वरना गाड़ी की मांग करता रहा, यह कहते हुए कि “मैं बैंक में हूँ, तुम्हारे पिता ने दहेज में कुछ नहीं दिया है।”
शिमला से घर वापस लौटने के बाद पीड़िता ने तुरंत फोन पर सारी बात अपने माता-पिता को बताई। इस पर माता-पिता ने उसे समझाया कि नई-नई शादी है, कुछ दिनों बाद सब ठीक हो जाएगा।
घर से बेइज्जत कर भगाने का आरोप
हालांकि, 30 अप्रैल 2025 को उपरोक्त दहेज की मांग को लेकर पीड़िता के पति अंकित जैन, ससुर सुनील कुमार जैन, ननद मीनक जैन और मामा-मामी ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। उन्होंने पीड़िता के पिता को भी फोन करके बुलाया और कहा कि वे उपरोक्त मांग के बिना पीड़िता को रखने को तैयार नहीं हैं। आरोप है कि उन्होंने पीड़िता और उसके पिता की काफी बेइज्जत कर घर से भगा दिया।
पीड़िता ने बताया कि उसके पिता सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्होंने किसी तरह विपक्षियों को समझाने का प्रयास किया, किंतु वे उपरोक्त दहेज की मांग के बिना रखने को तैयार नहीं हुए।
पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच जारी
थक-हारकर पीड़िता ने नगर कोतवाली में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। नगर कोतवाल रामकिशन राणा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर पति, ससुर और अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 85, 353 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 3, 4 के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
रिपोर्ट: मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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