Lucknow: फर्जी NSG कमांडो गिरफ्तार, इटली मेड ऑटोमेटिक पिस्टल, वायरलेस हैंडसेट समेत जाली दस्तावेज बरामद; पुलिस पर भी रौब गालिब करने का किया प्रयास

 


लखनऊ, उत्तर प्रदेश
आलमबाग थाना पुलिस ने शुक्रवार, 5 जुलाई 2025 को एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो खुद को फर्जी एनएसजी कमांडो बताकर बसों में मुफ्त यात्रा करने और लोगों पर धौंस जमाने का प्रयास कर रहा था। गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान रंजन कुमार (22) पुत्र हरिलाल मद्धेशिया के रूप में हुई है, जो कुशीनगर जिले के राजपुर बगहा का निवासी है। उसके पास से एक इटली मेड ऑटोमेटिक पिस्टल, वायरलेस हैंडसेट, कारतूस, फर्जी पहचान पत्र और पुलिस की वर्दी सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं।
कैसे पकड़ा गया फर्जी कमांडो?
आलमबाग बस अड्डे पर उपनिरीक्षक संदीप कुमार, हरिओम प्रताप सिंह और उनकी टीम चेकिंग कर रही थी, तभी मुखबिर से सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति खुद को एनएसजी कमांडो बताकर बस कंडक्टरों से दुर्व्यवहार कर रहा है और मुफ्त में यात्रा करने के लिए दबाव डाल रहा है। मुखबिर ने बताया कि व्यक्ति का चाल-चलन किसी प्रशिक्षित पुलिसकर्मी जैसा नहीं लग रहा है और वह बस स्टैंड से टेढ़ी पुलिया की ओर जा रहा है।
सूचना मिलते ही पुलिस टीम आनन फानन में गेटवे मॉल के पास पहुंची और ब्लेजर पहने और हाथ में वायरलेस हैंडसेट लिए उस व्यक्ति को रुकने का इशारा किया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर उसने खुद को वृंदावन, मथुरा के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय महाराज का सुरक्षाकर्मी बताया और कहा कि उन्हें ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, जिसमें वह तैनात है। हालांकि, उसकी बोलचाल, हावभाव और वर्दी पहनने के तरीके में अनियमितता देखकर पुलिस को संदेह हुआ।
गहनता से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम रंजन कुमार बताया। जब उससे उसकी तैनाती के बारे में पूछा गया, तो उसने खुद को 2021 बैच का उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही बताते हुए कहा कि विशेष प्रशिक्षण के बाद वह एनएसजी लखनऊ में तैनात है। एनएसजी प्रशिक्षण स्थल के बारे में पूछने पर उसने लखनऊ पुलिस लाइन बताया, जिससे पुलिस को यकीन हो गया कि वह धोखाधड़ी कर रहा है।
बरामद सामान और दर्ज मामले
पुलिस ने जब रंजन कुमार से उसका पीएनओ नंबर (पुलिस न्यूमेरिकल ऑर्गनाइजेशन नंबर) मांगा, तो उसने 212211024 बताया। यह नंबर जब उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर चेक किया गया, तो कोई व्यक्ति इस नंबर पर पंजीकृत नहीं पाया गया। एनएसजी प्रभारी लखनऊ से बात कराने के लिए कहने पर रंजन अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगने लगा।

 

आरोपी के पास से एक मेड-इन-इटली ऑटोमेटिक पिस्टल, एक 9 एमएम जिंदा कारतूस, एक वायरलेस हैंडसेट, एक आधार कार्ड, एक फर्जी उत्तर प्रदेश पुलिस का परिचय पत्र, एक पैनकार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक वॉकी-टॉकी वायर, दस उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी में तस्वीरें, एक फर्जी पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश का प्रशंसा मेडल, एक फर्जी प्रशस्ति मेडल, एक ब्लेजर, एक सुरक्षा विभाग का फर्जी आदेश, दो फर्जी अभिसूचना इकाई लखनऊ के आदेश और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।

इस संबंध में आलमबाग थाने में रंजन कुमार के खिलाफ 5 जुलाई 2025 को मुअसं 123/2025 धारा 205/338/336(2)/340(2)/318(2) बीएनएस 7/25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है कि क्या रंजन कुमार ने इस तरह की धोखाधड़ी पहले भी की है और क्या उसका कोई और साथी भी इसमें शामिल है।
रिपोर्ट – नौमान माजिद 

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Author: Barabanki Express

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