हैदराबाद, तेलंगाना।
तेलंगाना बीजेपी में अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा सियासी भूचाल आ गया है। पार्टी के फायरब्रांड विधायक टी राजा सिंह ने तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया है। यह इस्तीफ़ा तब आया जब मीडिया रिपोर्ट्स में रामचंद्र राव का नाम अगले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सामने आया है। राजा सिंह ने अपने इस्तीफ़े में इस फैसले पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की है, और इसे लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए “झटका और निराशा” बताया है।
इस्तीफ़े में राजा सिंह का दर्द और निराशा
अपने इस्तीफ़े में टी राजा सिंह ने लिखा कि तेलंगाना में बीजेपी अपनी पहली सरकार बनाने की दहलीज पर खड़ी है, ऐसे समय में रामचंद्र राव की नियुक्ति का फैसला पार्टी की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में कई सक्षम वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसद हैं जिन्होंने बीजेपी के विकास के लिए अथक परिश्रम किया है और उनमें पार्टी को आगे ले जाने की ताकत, विश्वसनीयता और जनाधार भी है।
राजा सिंह ने आगे कहा कि “दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि कुछ व्यक्ति, व्यक्तिगत स्वार्थों से प्रेरित होकर, केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं और पर्दे के पीछे से खेल चला रहे हैं।” उन्होंने चेताया कि यह न केवल जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बलिदान को कमजोर करता है, बल्कि पार्टी को टाला जा सकने वाले झटकों की ओर धकेलने का जोखिम भी है।
“लाखों कार्यकर्ताओं के दर्द और निराशा की आवाज़”
गोशामहल विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक चुने गए टी राजा सिंह ने खुद को एक समर्पित कार्यकर्ता बताते हुए लिखा, “आज, मुझे चुप रहना या यह दिखावा करना मुश्किल लगता है कि सब ठीक है। यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के बारे में नहीं है, यह पत्र लाखों वफादार बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दर्द और निराशा को दर्शाता है जो हाशिए पर महसूस कर रहे हैं और जिनकी बात नहीं सुनी जा रही।”
उन्होंने अफ़सोस जताते हुए कहा कि तेलंगाना में बीजेपी को सत्ता में लाने का वर्षों में सबसे अच्छा अवसर था, लेकिन यह उम्मीद धीरे-धीरे निराशा में बदल रही है, और इसका कारण जनता नहीं बल्कि शीर्ष पर नियुक्त किया जा रहा नेतृत्व है।
बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा, हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता बरकरार
भारी मन से बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देने की घोषणा करते हुए राजा सिंह ने जी किशन रेड्डी से तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करने का भी अनुरोध किया है कि वह अब बीजेपी के सदस्य नहीं हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही वह पार्टी से अलग हो रहे हैं, लेकिन वह हिंदुत्व की विचारधारा और अपने धर्म तथा गोशामहल की जनता की सेवा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह हिंदू समुदाय के साथ और भी अधिक ताकत से अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
अपने इस्तीफ़े के अंत में टी राजा सिंह ने इसे एक कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय बताया। उन्होंने कहा, “कई लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं समझना चाहिए। मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूं जो विश्वास के साथ हमारे साथ खड़े थे, और जो आज निराश महसूस कर रहे हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की विनम्र अपील भी की है, ताकि तेलंगाना में बीजेपी को सत्ता में लाने के इस अवसर को उचित नेतृत्व के साथ भुनाया जा सके।
रिपोर्ट – कामरान अल्वी
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Author: Barabanki Express
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