बाराबंकी, यूपी।
लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे बाइपास पर स्थित ग्राम दारापुर के पास रेठ नदी पुल पर बने 9 बरसाती पानी निकास के होल (गड्ढे) पिछले करीब 5 सालों से राहगीरों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं। इन होल पर शुरू में सुरक्षा की दृष्टि से लोहे की जालियां लगाई गई थीं, लेकिन वे चोरी हो गईं और तब से इन्हें ठीक नहीं कराया गया है।
शहर के फतहाबाद निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अजय सिंह वर्मा ने इस गंभीर खामी को दुरुस्त करने के लिए हाईवे प्रशासन को अनेकों शिकायतें की हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे संज्ञान लेना भी मुनासिब नहीं समझा।
40 फीट नीचे नदी में समाने का खतरा, राहगीर असुरक्षित
ये 15×15 इंच के गड्ढे सीधे 40 फीट नीचे रेठ नदी में ले जाते हैं। कल्पना कीजिए, रात के समय यदि कोई बस पुल के पास खराब हो जाए और अनजाने में बस सवार बच्चे या दुबली-पतली कद-काठी की महिलाएं और पुरुष इन असुरक्षित छेदों के पास आ जाएं, तो वे सीधे नदी में समा सकते हैं। ओवरटेक के प्रयास में इन गड्ढों में फंसकर कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकता है। यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को दावत दे रही है।
अजय सिंह वर्मा का कहना है कि यह ‘लापरवाही और असंवेदनशीलता का फोबिया’ है, जिसने अधिकारियों को जनता की सुरक्षा के प्रति अंधा कर दिया है। हाईवे प्रशासन की यह अनदेखी कभी भी एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है, जिसमें कई बेगुनाह जानें जा सकती हैं। स्थानीय लोगों ने हाईवे प्रशासन से तत्काल इन गड्ढों पर जालियां लगाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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