लखनऊ, यूपी।
उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले आयोजित “योग सप्ताह” कार्यक्रमों में अधिकारियों द्वारा कुर्सी पर बैठकर योग करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को लेकर जनता और योग प्रेमियों में तीखा आक्रोश है, और सरकार की आलोचना की जा रही है।
फतेहपुर में CMO दफ्तर का मामला:
जिला फतेहपुर से वायरल हुई तस्वीरों में, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) राजीव नयन गिरी और डिप्टी CMO इस्तियाक समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी कुर्सी पर बैठे योग करते दिख रहे हैं। यह घटना फतेहपुर CMO दफ्तर में आयोजित योग सप्ताह कार्यक्रम की है, जहाँ योग के मूल सिद्धांतों का मज़ाक उड़ाया गया। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग लगातार इसे योग का अपमान बताकर अधिकारियों की खिंचाई कर रहे हैं।
हरदोई में भी सामने आई ‘कुर्सी योगा’ की तस्वीरें:
इसी तरह का एक मामला हरदोई जिले से भी सामने आया है। यहाँ कलेक्ट्रेट स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में जिलाधिकारी अनुनय झा की उपस्थिति में योगा प्रशिक्षक विनीता पांडेय अधिकारियों को मानसिक व शारीरिक थकान दूर करने के लिए योगाभ्यास करा रही थीं। इस दौरान भी जिलाधिकारी समेत सभी अधिकारी कुर्सी पर बैठकर ही योगा करते नज़र आए।
योग एक शारीरिक और मानसिक अभ्यास है जिसमें शरीर को लचीला बनाने और विभिन्न आसनों के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने पर जोर दिया जाता है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा कुर्सी पर बैठकर योग का अभ्यास करना, इस प्राचीन विद्या की गंभीरता और उद्देश्य पर सवाल खड़े कर रहा है। इन घटनाओं ने योगी सरकार के ‘योग’ को जन-जन तक पहुंचाने के अभियान पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
रिपोर्ट – नौमान माजिद

Author: Barabanki Express
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