बाराबंकी, यूपी।
बाराबंकी में दबंगों के जानलेवा हमले का शिकार हुए एक युवक को मेडिकल रिपोर्ट होने के बावजूद अपनी एफआईआर (FIR) दर्ज कराने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पीड़ित का आरोप है कि हमलावर प्रभावशाली और पैसे वाले हैं, जिसके चलते नगर कोतवाली पुलिस उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं कर रही है। अब उसने थक-हारकर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय से न्याय की गुहार लगाई है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित के मुताबिक, 15 जून, 2025 की शाम करीब 6 बजे वह अपनी होंडा शाइन मोटरसाइकिल (यूपी 41 के 2415) से डेहुवा गांव में पंकज डेयरी से दूध लेने गया था। दूध लेकर अपने घर जिन्हौली लौटते समय, डेहुवा गांव के बाहर स्थित समाधि के पास उसे बृजेश, सचिन (पुत्र त्रिभुवन) और रोहित (पुत्र रामचंद्र) अपने 8-10 अन्य साथियों के साथ मिले।
पीड़ित को देखते ही उन्होंने उसे रुकने का इशारा किया और भद्दी-भद्दी गालियां देनी शुरू कर दीं। जब पीड़ित नहीं रुका, तो सभी आरोपियों ने मिलकर उसकी मोटरसाइकिल का पीछा किया। बृजेश और रोहित एक काली पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार थे। उन्होंने पीड़ित की बाइक के आगे पल्सर लगाकर उसे गिरा दिया।
इसके बाद, सभी आरोपी अपने हाथ में लिए सरिया, डंडों और लात-घूसों से उसे जान से मारने की नीयत से बेरहमी से पीटने लगे। इस हमले में पीड़ित को गंभीर चोटें आईं और उसके हाथ, पैर व सिर से खून बहने लगा। आरोपियों ने उसकी मोटरसाइकिल भी तोड़ दी। मौके पर मौजूद मोहम्मद आदिल और मोहम्मद तुफैल ने किसी तरह पीड़ित की जान बचाई।
पीड़ित किसी तरह बदहवास हालत में अपने भाई की दुकान पर पहुंचा और अपने मोबाइल से 112 पुलिस को कॉल किया (इवेंट नं.-P15062521422)। मौके पर सरकारी एम्बुलेंस भी पहुंची थी। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी उसकी मोटरसाइकिल भी अपने साथ ले गए।
पुलिस पर उदासीनता और न्याय की मांग
पीड़ित ने बताया कि घटना के तुरंत बाद वह कोतवाली गया, जहां पुलिस ने उसका मेडिकल लीगल कराया और उसे प्रार्थना-पत्र की रसीद भी दी। लेकिन, तबसे वह लगातार चौकी आवास विकास और थाना कोतवाली नगर बाराबंकी के चक्कर लगा रहा है, दबंगों पर कार्रवाई तो दूर उसकी एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है। इस बीच, आरोपी उसे रास्ते में रोककर लगातार धमकियां भी दे रहे हैं।

पीड़ित का कहना है कि आरोपी काफी पैसे वाले और प्रभावशाली हैं, जिसके कारण उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। स्वयं को गरीब बताते हुए उसने अब पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने एसपी से प्रार्थना की है कि उसकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
अब देखना यह होगा कि एसपी से शिकायत के बाद नगर कोतवाली पुलिस पीड़ित की एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को कानून के दायरे में लाती है या नहीं।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद

Author: Barabanki Express
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