बाराबंकी, यूपी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक ओर जहाँ पर्यावरण संरक्षण और शुद्ध हवा के लिए बरसात के दिनों में गाँवों में सघन वृक्षारोपण अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर वन माफिया रात के अंधेरे में बिना अनुमति के प्रतिबंधित हरे पेड़ों को काटकर ले जा रहे हैं। इससे सरकार की पर्यावरण संरक्षण परियोजना को पलीता लग रहा है।
ताजा मामला थाना मसौली क्षेत्र की तिलोकपुर चौकी अंतर्गत ग्राम जलुहामऊ का है। यहाँ बुधवार की रात रामदुलारे रावत की बाग से ठेकेदारों ने बिना किसी अनुमति के चोरी-छिपे गूलर के पाँच पेड़ काट डाले। पेड़ों को काटने के बाद माफियाओं ने उनकी जड़ों को पत्तों से ढक दिया, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे।
वन विभाग की संलिप्तता और खानापूर्ति का आरोप
इस पूरे प्रकरण में वन विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि वन माफियाओं के हौसले इसलिए बुलंद हैं क्योंकि मामला मीडिया में आने पर वन विभाग केवल जुर्माना लगाकर इतिश्री कर लेता है, जिससे उन्हें कोई सख्त दंड नहीं मिलता। इसी कारण प्रतिबंधित हरे पेड़ों की कटाई लगातार जारी रहती है।
मामले पर वन रेंजर रामनगर, अल्पना पांडे ने बताया कि घटना की जाँच कर ली गई है और जुर्माना जमा करवाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जुर्माना जमा नहीं किया गया, तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। हालांकि, इस तरह की घटनाएं बार-बार होने से यह स्पष्ट होता है कि केवल जुर्माने की कार्रवाई से वन माफियाओं पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद

Author: Barabanki Express
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