बाराबंकी-यूपी।
बाढ़ के दौरान सैकड़ों किसानों की बर्बाद होने वाली फसलों को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। मनरेगा योजना के तहत कल्याणी नदी के किनारे बाँध बनाए जाने को लेकर गुरुवार को खंड विकास अधिकारी (BDO) संदीप कुमार श्रीवास्तव ने ग्राम प्रधानों, पंचायत सचिवों और तकनीकी सहायकों के साथ एक बैठक की और रणनीति तैयार की। इसके बाद, उन्होंने नदी के तट पर जाकर बाँध बनाए जाने के स्थान का निरीक्षण भी किया।
खंड विकास अधिकारी संदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत नदी किनारे बाँध बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल जल संरक्षण और सिंचाई के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करता है, बल्कि बाढ़ से बचाव और लोगों की आजीविका में भी सुधार करता है। यह योजना ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने आगे बताया कि बाँध बन जाने से बाढ़ के दौरान पानी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और बाढ़ से प्रभावित इलाकों का बचाव होगा। साथ ही, बाँध वर्षा जल को इकट्ठा करने और संग्रहीत करने में भी सहायक होगा, जिससे पानी की कमी को कम किया जा सकता है। बाँधों का निर्माण भूजल स्तर को बढ़ाने में भी सहायक होगा, और सबसे महत्वपूर्ण, ग्रामीणों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार भी मिलेगा।
आपको बता दें कि विकास खंड मसौली की लगभग डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतों से होकर गुजरने वाली कल्याणी नदी से हर साल बाढ़ के दौरान हजारों बीघे खेती भारी जलभराव के कारण बर्बाद हो जाती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गुरुवार को खंड विकास अधिकारी संदीप कुमार श्रीवास्तव ने ग्राम पंचायत गदाईपुर, छूल्हाबननी, हेतमपुर वाजिदपुर, अमदहा, मेढिया, ज्योरी, मसौली, देवकलिया, रहरामऊ, नियामतपुर, सफदरगंज, गोदारी, मुश्कीनगर, सूर्यपुर खप्रैला, अम्बौर सहित डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को बरसात से पूर्व बाँध बनवाने, तथा नदी के किनारे तालाब और वृक्षारोपण कराने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात, ब्लॉक मुख्यालय के निकट से ही गुजरी कल्याणी नदी के तट पर पहुँचकर स्थिति का जायजा लिया गया। इस दौरान सहायक विकास अधिकारी (ISB) मदन गोपाल कनौजिया, अवर अभियंता लघु सिंचाई मेराज अहमद, सहित विभिन्न ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक मौजूद रहे।
जीवनदायिनी के रूप में जानी जाती है पवित्र कल्याणी नदी
वेदों में वर्णित कल्याणी नदी को एक पवित्र नदी के रूप में जाना जाता है। जनपद सीतापुर से निकली कल्याणी नदी बाराबंकी के आधा दर्जन से अधिक ब्लॉकों की सीमा को निर्धारित करते हुए जनपद अयोध्या के मवई के निकट पवित्र गोमती नदी में मिल जाती है। इस नदी के किनारे अनेक जगह मंदिर और मठ बने हुए हैं, जिनमें बाबा रामसनेही की समाधि जनपद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के कोने-कोने में जानी जाती है। ग्राम अम्बौर में माँ ज्वालामुखी मंदिर और मसौली में बली दास कुटी पूजनीय स्थल हैं। नदी में अनेक स्थानों पर घाटों का निर्माण है जहाँ आए दिन कोई न कोई अनुष्ठान होते रहते हैं।
रिपोर्ट – नूर मोहम्मद
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Author: Barabanki Express
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