बाराबंकी-यूपी।
जनपद में भूमाफियाओं का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि आम लोग अपनी पैतृक ज़मीनें गंवाकर कोर्ट-कचहरी और थानों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने भूमाफियाओं से ज़मीन खरीदी, लेकिन अब उन्हें अपनी खरीदी हुई ज़मीन का ठिकाना ही नहीं मिल रहा। आलम यह है कि गुण्डागर्दी पर उतारू भूमाफिया लोगों की ज़मीनें जबरन कब्ज़ा कर औने-पौने दाम में बेचने के लिए दबाव बना रहे हैं।
इसका एक प्रत्यक्ष और चौंकाने वाला उदाहरण हाल ही में सामने आया हैदरगढ़ तहसील के ब्रह्मानंद निवासी अब्दुल मुईन पुत्र अब्दुल मुईद के मामले में दिखा। अब्दुल मुईन ने जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी से शिकायत की है कि दबंग भूमाफियाओं ने उनकी पैतृक भूमि गाटा संख्या 70 रकबा 1.572 पर जबरन रास्ता निकाल कर उसे बेचने का दबाव बनाया।
मारपीट और फर्जीवाड़े का आरोप
अब्दुल मुईन के अनुसार, जब उन्होंने भूमाफियाओं की बात मानने से इनकार किया और अपनी पुश्तैनी ज़मीन की नाप-जोख करने गए, तो एक दर्जन लोगों ने लाठी-डंडों, घूंसों और लातों से उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा। इस घटना की शिकायत उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में की, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उन्हें तहसील के अंदर भी मारा-पीटा गया।
भूमाफियाओं ने अपनी करतूतों को छिपाने के लिए एक फर्जी 10 रुपये के स्टांप पर जालसाजी करते हुए कूटरचित समझौता प्रपत्र तैयार कर लिया। इस फर्जीवाड़े के ज़रिए उन्होंने पुलिस प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की कि ज़मीन मालिक से ज़मीन के बैनामे को लेकर पैसों का लेनदेन हुआ है और समझौता हो गया है। शुरुआती दौर में स्थानीय पुलिस भी इस गुमराह करने वाले दस्तावेज़ के झांसे में आ गई और ज़मीन मालिक अब्दुल मुईन पर समझौते के अनुसार दबाव बनाने लगी।
सीओ हैदरगढ़ के हस्तक्षेप से खुला राज
जब अब्दुल मुईन ने सीओ हैदरगढ़ को शिकायती पत्र देकर पूरी घटना की शिकायत की, तब इस बड़े षड्यंत्र का खुलासा हुआ। हालांकि, मामले में रसूखदारों के दबाव और नगर पंचायत अध्यक्ष के सगे भाई की भूमाफियाओं से सांठगांठ के चलते, अब्दुल मुईन खान ने अपनी पैतृक भूमि को हाथ से निकलते देख, न्याय और अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए ज़िला मुख्यालय पहुंचकर सीधे जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के यहां गुहार लगाई।
पूरा प्रकरण सुनकर जिलाधिकारी भी आवाक रह गए। उन्होंने तत्काल एसडीएम हैदरगढ़ को फोन कर मामले में कड़ाई से जांच करने और आरोपी सभी भूमाफियाओं व दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने बिना ले-आउट जारी निजी प्लॉटिंगों को चिन्हित कर सख्त कार्यवाही का भी आश्वासन दिया है।
अब देखना यह है कि जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद तमाम आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई हो पाती है या फिर आरोपी के अध्यक्ष भाई का यह डायलॉग कि ‘क्षेत्र में उससे बड़ा गुण्डा पैदा नहीं हुआ है’, ही चरितार्थ होता नजर आता है। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की आगे की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद / सद्दाम
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Author: Barabanki Express
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