बाराबंकी-यूपी।
यूपी के बाराबंकी ज़िले में सरकारी अधिकारियों की तानाशाही से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां विकास कार्यों में भ्रष्टाचार व सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपो की जांच करने पहुंचे अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर की जा रही लीपापोती का विरोध शिकायतकर्ता व अन्य ग्रामीणों को भारी पड़ गया। विरोध से चिढ़े अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता समेत दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों के खिलाफ ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। हालांकि अब घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है।
मामला मसौली थाना क्षेत्र की ग्रामपंचायत सहादतगंज का है। जहां के निवासी सबी आलम अंसारी ने ग्राम प्रधान कलीम पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार व सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए IGRS पर इसकी शिकायत की थी। गुरुवार को अवर अभियंता लघु सिंचाई अरुण कुमार व्यास तकनीकी सहायक के साथ शिकायत की जांच करने गांव पहुंचे थे। आरोप है कि शिकायतकर्ता व अन्य ग्रामीणों के बयान दर्ज करने की जगह वो ग्राम प्रधान कलीम के लड़के को अपनी कार में बैठाकर घूम रहे थे। इसे लेकर शिकायतकर्ता सबी आलम अंसारी व ग्रामीणों द्वारा विरोध जताया गया तो जांच अधिकारी द्वारा उन्हें एक लाख रुपए लेकर मामले को रफादफा करने की पेशकश की गई। इसी बात को लेकर ग्रामीण भड़क गए और दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी।
शिकायतकर्ता व ग्रामीणों का आरोप है कि जांच करने आए अधिकारी से वो उनका नाम और पद पूछते रहे लेक़िन वो बना कुछ बोले ही मौके से निकल गए। बताया जा रहा है कि इसके कुछ देर बाद जब पंचायत सचिव श्यामली जायसवाल अपनी निजी कार से मौक़े पर पहुंची तो ग्रामीण उनकी कार के इर्दगिर्द इकट्ठा होकर उनसे जांच अधिकारी के विषय मे जानकारी करने लगे। लेकिन ग्रामीणों को संतुष्ट करने की जगह पंचायत सचिव ने कार से बाहर निकले बिना ही मसौली पुलिस को फोन लगा दिया और मौक़े पर पहुंची पुलिस शिकायतकर्ता सबी आलम अंसारी व एक अन्य ग्रामीण मो0 असरार को पकड़कर थाने ले गयी।
देखें घटना का वायरल वीडियो
इसके बाद पंचायत सचिव श्यामली जायसवाल भी पीछे से थाने जा पहुंची और शिकायतकर्ता सबी आलम अंसारी, मो0 असरार व 20-25 अन्य ग्रामीणों पर सरकारी कार्य मे बाधा डालने, गाड़ी में तोड़फोड़ करने व सरकारी कागज नष्ट करने का प्रयास करने की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि बाद में घटना से जुड़े जो वीडियो सामने आए है उन्होंने पंचायत सचिव श्यामली जायसवाल के इन आरोपो की पोल खोल दी है। वीडियो में साफ तौर पर देखा और सुना जा सकता है कि ग्रामीण जांच के तरीके को लेकर आपत्ति कर रहे है और निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग कर रहे है। वीडियो में पंचायत सचिव की गाड़ी भी नज़र आ रही है जिसमें किसी तरह की कोई तोड़फोड़ भी नही दिख रही है। इन वीडियो के सामने आने के बाद जहां प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है। वही लोगो मे अधिकारियों की तानाशाही को लेकर गुस्सा भी नज़र आ रहा है।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद

Author: Barabanki Express
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