सांकेतिक तस्वीर
बाराबंकी-यूपी।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी ज़िले में इन दोनों आवारा कुत्तो ने आतंक मचा रखा है। पिछले एक हफ़्ते में आवारा कुत्तों के हमलों में जहां एक 6 साल की मासूम बच्ची की जान जा चुकी है, वही दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए बाराबंकी के डीएम शशांक त्रिपाठी ने बीते मंगलवार को एसडीएम नवाबगंज के नेतृत्व में टीम गठित कर आवारा कुत्तों की धरपकड़ के आदेश भी जारी किए लेकिन निकम्मे अधिकारियों ने इन आदेशों को हवा में उड़ा दिया। जिसका नतीजा ये रहा कि अधिकारियों के निकम्मेपन का खामियाजा एक 12 साल के छात्र को चुकाना पड़ा। आवारा कुत्तों के हमले में बुरी तरह घायल छात्र को लखनऊ रेफर किया गया है।
आपको बताते चले कि नवाबगंज तहसील क्षेत्र अंतर्गत थाना जहांगीराबाद के हजरतपुर व दरहरा गांवों के आसपास आवारा कुत्तों एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। बीती 22 फरवरी को आवारा कुत्तों के हमले में बुरी तरह जख्मी हुई हजरतपुर निवासी महक (6) पुत्री सुनील गौतम की मौत हो चुकी है। वही दहशत का पर्याय बन चुके आवारा कुत्तों के इस झुंड ने शनिवार 22 फरवरी को ही दरहरा निवासी अहमद की 6 वर्षीय पुत्री रफत जहां पर हमला कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया था। इसके दो दिन बाद सोमवार 24 फरवरी को दरहरा निवासी मोहम्मद अल्ताफ के 12 वर्षीय पुत्र आतिफ पर आवारा कुत्तों के झुंड ने उस वक़्त हमला कर बुरी तरह नोच डाला, जब वो शहाबपुर स्थित मदरसे से पढ़कर घर लौट रहा था।
22 फरवरी से 24 फरवरी के बीच महज़ तीन दिन के भीतर हुए आवारा कुत्तो के इन ताबड़तोड़ हमलों से पूरे इलाक़े में दहशत फैल गई। आवारा कुत्तो की समस्या को गंभीरता से लेते हुए बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने जहां मृतक बच्ची के परिजनों के प्रति संवेदना दिखाते हुए त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक लाख की आर्थिक मदद दिलाई, वही एसडीएम नवाबगंज विवेकशील यादव को अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को पकड़वाने के सख्त निर्देश भी दिए। लेकिन आदत के मुताबिक अधिकारियों ने डीएम के इन आदेशों को भी हवा में उड़ा दिया।आवारा कुत्तो को पकड़े बिना ही मंगलवार को सूचना विभाग से प्रेसनोट जारी करवा कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गयी।
जारी प्रेसनोट में बताया गया कि एसडीएम विवेकशील यादव के निर्देश पर पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित टीमो में शामिल वन विभाग, पशुपालन विभाग, पुलिस व पंचायत विभाग के अधिकारियों द्वारा हजरतपुर मजरे दरहरा व आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों की धरपकड़ का अभियान तेज़ कर दिया गया है। जिससे इलाक़े के लोगो ने राहत की सांस ली है। लोगो के अंदर से दहशत का माहौल भी समाप्त हो चुका है। लोग जिलाधिकारी के त्वरित एक्शन की सराहना कर रहे हैं।
लेकिन डीएम के आदेशों की नाफरमानी और सूचना विभाग को गुमराह करने वाले निकम्मे अधिकारियों की पोल शुक्रवार को उस वक़्त खुल गई। जब शहाबपुर क़स्बे से वापस लौट रहे हजरतपुर गांव निवासी पुथले वर्मा के 12 वर्षीय पुत्र उत्कर्ष को शारदा सहायक नहर के पास घेरकर आवारा कुत्तों के झुण्ड ने उसपर हमला कर दिया। आसपास खेतो में मौजूद ग्रामीण जबतक मदद को दौड़ते कुत्तो ने उसे बुरी तरह नोच डाला। जख्मी उत्कर्ष का उपचार कराने परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। अधिकारियों के निकम्मेपन के चलते हुई इस घटना के बाद स्थानीय लोगो में प्रशासन के प्रति ख़ासा गुस्सा नज़र आ रहा है।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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