बाराबंकी-यूपी।
अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के विरोध प्रदर्शन के दौरान डीएम को ज्ञापन देंने की ज़िद अधिवक्ताओं को भारी पड़ गयी है। डीएम के न मिलने से आक्रोशित अधिवक्ताओं द्वारा सड़क पर प्रदर्शन कर पुतला फूंके जाने के मामले में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद नगर कोतवाली में 11 नामज़द समेत करीब पांच दर्जन अधिवक्ताओं के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है। जिसके बाद से अधिवक्ता समाज में उबाल देखने को मिल रहा है।
आपको बताते चले कि अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 का पूरे प्रदेश के अधिवक्ता समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसी क्रम में बीती 25 फरवरी को जनपद बाराबंकी मे भी अधिवक्ताओ द्वारा न्यायायिक कार्य से विरत रहते हुए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान अधिवक्ताओं का एक समूह जिलाधिकारी को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचा था। लेकिन डीएम के न मिलने पर अधिवक्ता आक्रोशित हो गए और कचहरी गेट के सामने सड़क पर प्रदर्शन करने लगे। इस बीच कुछ आक्रोशित अधिवक्ताओं द्वारा सड़क किनारे लगी पक्ष व विपक्ष के नेताओ की होर्डिंग्स को तोड़कर उनमें आग लगा दी गयी। इस प्रदर्शन के दौरान काफी देर तक सामान्य यातायात तो प्रभावित रहा लेकिन ज़िला बार के पदाधिकारी एम्बुलेंस और कावड़ियों के लिए ख़ुद रास्ता बनाते दिखाई दिए थे।
करीब ढाई से तीन घंटे चले प्रदर्शन के बाद एसपी दिनेश कुमार सिंह के साथ ट्रेजरी पहुंचे डीएम शशांक त्रिपाठी ने वकीलों से ज्ञापन लिया जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हो गया। लेकिन मामले में नया मोड़ तब आया जब शुक्रवार की रात 1 बजकर 8 मिनट पर सिविल लाइन चौकी प्रभारी संजय यादव की तहरीर पर 11 नामज़द समेत करीब पांच दर्जन अधिवक्ताओं के खिलाफ नगर कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
चौकी इंचार्ज की तहरीर के मुताबिक लगभग 1000 वकीलों के समूह ने बस अड्डा गेट की तरफ से निकल कर देवा तिराहे पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए सम्पूर्ण मार्ग को दोनो तरफ से बाधित कर दिया, जिससे आने जाने वाले समस्त जनता के लोगो, इमरजेन्सी सेवा के एम्बूलेन्स व वर्तमान में महाशिव रात्रि पर्व पर कावड़ यात्री प्रभावित हो रहे थे। पुलिस व प्रशासन के द्वारा बार बार वार्ता व समझाने के बाद भी अधिवक्ता समूह द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा था और जिलाधिकारी को सडक पर बुलाकर ज्ञापन देने का दबाव बनाया जा रहा था।
तहरीर में आगे कहा गया कि इसी दौरान गुड्डू अवस्थी, रितेश मिश्रा, मनीष तिवारी, अशोक वर्मा, अतुल कुमार वर्मा, दीपक कुमार बाजपेई, रूबी सिंह, अनुराग तिवारी, विजय कुमार पाण्डेय, अनुराग शुक्ला, सतीश पाण्डेय व लगभग अन्य 50 अधिवक्ताओ के द्वारा सडक पर प्रचार हेतु लगाये गये बैनर तोडकर सडक के मध्य रखकर आग लगाया गया। जिससे अफरा तफरी का महौल बन गया था और जाम मे देर तक फसे जनता के व्यक्तियो के बीच अफरा तफरी का महौल बना हुआ था। अधिवक्ता समुदाय द्वारा विधिक क्रम से कानून की जानकारी रखते हुए भी इसी तरह की अराजकता फैलायी गयी। जिससे शहर की पूरी यातायात व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गयी थी।
चौकी प्रभारी की तहरीर पर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलते ही पहले से ही आक्रोशित चल रहे ज़िले के अधिवक्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया है। अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को जिला बार सभागार में आगे की रणनीति बनाने के लिए इमरजेंसी मीटिंग की है। जिला बार अध्यक्ष हिसाल बारी किदवई ने बताया कि अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को डीएम बाराबंकी से मिलकर मुकदमे के संबंध में वार्ता करेगा, प्रशासन के रवैये के हिसाब से आगे का लाइन ऑफ एक्शन तय किया जाएगा।
रिपोर्ट – मन्सूफ अहमद

Author: Barabanki Express
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