
बाराबंकी, यूपी।
बाराबंकी जिले में अपनी 6 साल की लंबी सेवा के बाद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बालेंदु कुमार द्विवेदी का तबादला हो गया है। मंगलवार को शिक्षकों और कर्मचारियों ने दुखी मन से उन्हें विदाई दी। शहर के एक निजी रेस्टोरेंट हॉल में उनके सम्मान में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जहाँ उनके चाहने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने अपने प्रिय अधिकारी को फूल-मालाओं से लाद दिया।
“अफसर नहीं, अभिभावक थे बालेंदु जी”
विदाई समारोह में जब संवाददाता ने शिक्षकों से उनके इतने दुखी होने का कारण पूछा, तो इब्राहिम अंसारी, मो. मसीद, पूर्व लिपिक मुशीर अहमद और सोहेल अहमद ने बताया कि बालेंदु कुमार द्विवेदी का स्वभाव बेहद शांत था और वे अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहते थे। उन्होंने स्टाफ के साथ-साथ जिले में किसी भी व्यक्ति को कभी अपने काम के लिए दौड़ने नहीं दिया। लोगों ने महसूस किया कि वे एक अफसर नहीं, बल्कि एक अभिभावक की तरह थे।
शिक्षकों ने यह भी बताया कि श्री द्विवेदी एक कुशल लेखक भी हैं। उन्होंने ‘मदारीपुर जंक्शन वाया फुरसत गंज’ और ‘बादशाह सलामत हाजिर हो’ जैसी विख्यात पुस्तकें लिखी हैं।
रिपोर्ट – मंसूफ अहमद
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Author: Barabanki Express
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