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लखनऊ : अल्पसंख्यक समुदाय के साथ धोखा है अल्पसंख्यक वर्ग के प्रमुख फंड मे 38% तक की कटौती – चौधरी सलमान क़ादिर

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम के निर्देशानुसार वर्ष 2023 -2024 के वार्षिक बजट मे अल्पसंख्यक वर्ग के प्रमुख फंड मे 38% तक की कटौती के विरोध में उत्तर प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयो पर जिला अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।

प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रवक्ता चौधरी सलमान क़ादिर ने बताया कि विगत दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन मे बजट 2023 – 2024 की घोषणा के अनुसार आगामी वित्त वर्ष में अल्पसंख्यक वर्ग के विकास हेतु बजट को बढ़ाने के बजाय उसमें 38% तक की कटौती कर दी गई और ये कटौती केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक विरोधी सोच को उजागर करती है क्योंकि गत वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले वर्ष 2023-24 के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट आवंटन में बढ़ोतरी के बजाय 38% की कमी से कई छात्रवृत्ति और कौशल विकास योजनाओं को अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए पेशेवर और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति सहित प्रमुख फंड को बजट मे कटौती मिली है।

चौधरी सलमान क़ादिर ने बजट कटौती का विरोध करते हुए कहा कि इस साल योजनाओं को 44 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसके लिए बजट 365 करोड़ रुपये था। 2022-23 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए बजट अनुमान 5,020.50 करोड़ रुपये था। इस बार मंत्रालय को 3,097 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अल्पसंख्यकों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी घटा दी है। पिछले बजट में छात्रवृत्ति राशि ₹1,425 करोड़ थी, जिसे इस वर्ष घटाकर ₹433 करोड़ कर दिया गया है।

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श्री क़ादिर ने कहा कि स्कॉलरशिप और कौशल विकास योजनाओं के लिए फंड में कटौती हुई है। इसमें अल्पसंख्यक समुदायों के स्टूडेंट्स के लिए प्रोफेशनल और टेक्निकल कोर्स के लिए स्कॉलरशिप भी शामिल है। इस साल इन योजनाओं के लिए 44 करोड़ रुपये दिए गए हैं जबकि पिछले साल 365 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किए गए थे। वित्त मंत्रालय ने 2023-24 में अल्पसंख्यकों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप में 900 करोड़ रुपये की कटौती की है। पिछले साल स्कॉलरशिप बजट 1425 करोड़ था जो इस बार घटकर 433 करोड़ रुपये रह गया है। वहीं मदरसों में आधुनिक विषयों को शामिल करने, शिक्षक प्रशिक्षण और अल्पसंख्यक संस्थानों में स्कूल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की बात करने वाली मोदी सरकार ने मदरसों की वित्तीय सहायता के रूप में बजट में मात्र 10 करोड़ रुपये रखे गए हैं। जबकि वित्त वर्ष 2022-2023 में ‘मदरसों और अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा योजना’ के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

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चौधरी सलमान क़ादिर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बजट से साबित होता है कि सरकार पूरी तरह अल्पसंख्यक विरोधी है तथा अल्पसंख्यक समाज को शिक्षा से दूर रखना और उनकी तरक्की के सभी रास्ते बन्द करना चाहती है। श्री क़ादिर ने जानकारी दी कि बजट कटौती के विरोध में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जनपद में जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर अल्पसंख्यक वर्ग के बजट मे की गई 38% कटौती को रोकने हेतु केंद्र सरकार को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।

रिपोर्ट- मन्सूफ अहमद

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