Barabanki: जालसाज़ ग्राम प्रधान के राजनैतिक रसूख के आगे बेबस नज़र आ रहे जिले के आला अधिकारी, न ख़ुद कार्रवाई का जुटा पा रहे साहस, ना ही कोर्ट के आदेश पर भेज रहे घोटाले की जांच आख्या

 


बाराबंकी-यूपी।
यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात लगातार कह रहे है। वही सीएम की नाक के नीचे बाराबंकी ज़िले में इस नीति की हवा निकलती नज़र आ रही है। सरकारी धन के ग़बन व जालसाज़ी के आरोपी एक ग्राम प्रधान पर कार्रवाई करने की जगह अधिकारियो द्वारा उसे संरक्षण दिया जा रहा है। अधिकारियों के इस रवैये से हताश होकर अब शिकायतकर्ता ने कोर्ट की शरण ली है। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद कई तारीखें बीत जाने के बाद भी अब तक कोर्ट में जांच आख्या प्रस्तुत नही की गई है। जिसे लेकर अधिकारियों की भूमिका के साथ साथ सरकार की नीति पर भी सवाल खड़े हो रहे है।

Barabanki : नोटिस के बाद भी नही चुका सके किसान क्रेडिट कार्ड का लोन, प्रशासन ने लाल झंडी लगाकर तीन किसानो की ज़मीन कर ली कुर्क

बाराबंकी ज़िले के लोनी कटरा थाना क्षेत्र के बेड़ौरा गांव निवासी परमानंद शुक्ला पुत्र स्वर्गीय सुरेश कुमार ने बीती 05 जुलाई 2024 को बाराबंकी के तत्कालीन डीएम सत्येंद्र कुमार व एसपी दिनेश कुमार सिंह को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया, कि वर्ष 2021 में सम्पन्न हुए पंचायत चुनावों में उनकी ग्राम पंचायत रबडहिया से प्रधान के रूप में चुने गए अमित कुमार मौर्य पुत्र भरत कुमार ने गलत तरीके से अपनी उम्र 21 वर्ष दर्शा कर चुनाव लड़ा है। जबकि नामांकन दाखिल करते समय उनकी आयु मात्र 20 वर्ष 8 महीने 20 दिन थी। आरोपो के समर्थन में शिकायतकर्ता ने ग्राम प्रधान का हाईस्कूल का प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किया जिसमें अमित कुमार की जन्मतिथि 15.07.2000 लिखी हुई है। इस आधार पर अमित कुमार तत्समय चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से अपात्र एवं अयोग्य थे।
फ़ोटो : ओबीसी पिता व भाई को एससी दर्शाकर बनाए गए जॉबकार्ड
इसके अतिरिक्त शिकायतकर्ता द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि ग्राम प्रधान अमित कुमार मौर्य द्वारा मनरेगा जॉबकार्ड में बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ीवाडा कर सरकारी धन का ग़बन किया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव के कई लोगो के फर्ज़ी जॉबकार्ड बनवाने के साथ ही ओबीसी जाति के होते हुए भी प्रधान अमित मौर्य ने अपने पिता भरत कुमार व लखनऊ के कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अपने चचेरे भाई दीपक कुमार मौर्य को जॉबकार्ड में अनुसूचित जाति का दर्शाकर  फर्ज़ी तरीके से मनरेगा योजना का काफी पैसा हड़प लिया है।

यह भी पढ़े :  UP NEWS: सात फेरों का वचन नही निभा सकी कलयुगी पत्नी, शादी के 15वें दिन ही प्रेमी के साथ मिलकर करा दी पति की हत्या

शिकायतकर्ता के अनुसार 5 जुलाई 2024 को दिए उनके प्रार्थना पत्र पर तत्कालीन जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने बीडीओ त्रिवेदीगंज और एसपी ने सीओ हैदरगढ़ को जांच कर कार्रवाई हेतु निर्देशित किया। बीडीओ और सीओ हैदरगढ़ की जांच में शिकायतकर्ता के आरोप सत्य भी पाए गए। आरोपी ग्रामप्रधान अमित मौर्य के शैक्षणिक दस्तावेज व आधार कार्ड में जन्मतिथि 15-07-2000, जबकि परिवार रजिस्टर में जन्मतिथि 1998 और मतदाता सूची में उसकी आयु 21 वर्ष लिखा पाया गया। सीओ हैदरगढ़ द्वारा जांच रिपोर्ट में जन्मतिथि में भिन्नता पाए जाने की पुष्टि करते हुए आवश्यक विधिक कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी बाराबंकी को दिनांक 28 जुलाई 2024 को आख्या भेजी गई। वही 08 अगस्त 2024 को जिलाधिकारी को भेजी अपनी जांच आख्या में बीडीओ द्वारा भी जन्मतिथि में भिन्नता की पुष्टि की गई। लेकिन मनरेगा में हुए घोटाले में ब्लाक के अधिकारियों की भी गर्दन फंसने के चलते बिना जांच किए भ्रामक रिपोर्ट लगाकर मामले को रफादफा कर दिया गया।

आरोपो की पुष्टि के बाद भी प्रधान के राजनैतिक रसूख के चलते उसके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नही हुई तो शिकायतकर्ता ने दिनांक 9 अगस्त 2024 को पुनः डीएम को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। जिसपर डीएम ने कार्रवाई के बदले डीसी मनरेगा को जांच के आदेश दे दिए। एक माह बीत जाने के बाद जब इस बार भी कोई कार्रवाई नही हुई तो शिकायतकर्ता ने दिनांक 5 सितंबर 2024 को पुनः डीएम को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। इस बार भी कार्रवाई की जगह डीएम ने डीपीआरओ को जांच के आदेश दे दिए। आरोपी प्रधान पर कोई कार्रवाई न होती देख शिकायतकर्ता ने 23 सितंबर को एक बार फिर डीएम से कार्रवाई की गुहार लगाई लेकिन कार्रवाई की जगह डीएम ने इस बार एसपी बाराबंकी को जांच कर कार्रवाई के लिए लिख दिया।

यह भी पढ़े :  Barabanki:  नौवाँ मुकदमा दर्ज, लेकिन पुलिस की गिरफ्त से महफूज़ है एचएम ग्रीन सिटी का निदेशक बाबा पठान, ठगी के बेताज बादशाह के सिर पर आखिर किसका है हाथ?

शिकायतकर्ता ने बताया कि जब डीएम बाराबंकी आरोपी ग्राम प्रधान पर कार्रवाई का साहस नही जुटा सके तो थकहार कर उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अक्टूबर 2024 में बीएनएस 173(4) के तहत सीजेएम बाराबंकी की कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया। जिसपर सुनवाई के बाद सीजेएम बाराबंकी ने 12 फरवरी 2025 को सीडीओ बाराबंकी को मामले की गहनता से जांच कराकर 20 फरवरी तक आख्या भेजने के लिए पत्र लिखा। ताकि मुकदमे का निस्तारण किया जा सके, लेकिन 20 फरवरी को क्या इसके बाद 26 फरवरी और उसके बाद 4 मार्च की तारीख भी गुज़र गयी लेकिन आख्या नही भेजी गई। जिसके बाद 4 मार्च को सीजेएम बाराबंकी ने सीडीओ और डीएम दोनों को रिमाइंडर भेजकर 12 मार्च की अगली तारीख तक हर हाल में आख्या भेजने के निर्देश दिये, लेकिन 12 मार्च उसके बाद 21 मार्च और उसके बाद 25 मार्च की तारीख़ भी बीत गयी लेकिन आख्या नही उपलब्ध कराई गई। हालांकि जब इस बारे में बाराबंकी के सीडीओ अन्ना सुदन से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि आख्या बनवा कर कोर्ट में भेजी जा रही है। अब इस मामले की अगली तारीख 27 मार्च मुकर्रर है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 27 मार्च को सीडीओ बाराबंकी कोर्ट को आख्या उपलब्ध करा पाते है या नही ?
फ़ोटो : 05 जुलाई 2024 को डीएम को दिया गया पत्र
फ़ोटो : 9 अगस्त को डीएम बाराबंकी को दिया गया पत्र
फ़ोटो : 5 सितंबर को डीएम को दिया गया पत्र
फ़ोटो : 23 सितंबर को डीएम को दिया पत्र
रिपोर्ट – कामरान अल्वी

यह भी पढ़े :  Barabanki: हाइवे के किनारे जंगल में मिली जींस टॉप पहने 18 वर्षीय अज्ञात युवती की सड़ी गली लाश, हत्या कर शव फेंके जाने की आशंका से मचा हड़कंप

Barabanki Express
Author: Barabanki Express

Barabanki Express News 24×7 is the most credible hindi news portal of District Barabanki. pls follow to get updates what's happening around ur City and District

28059
आपकी राय

बाराबंकी 53 लोकसभा क्षेत्र से आप किस प्रत्याशी को अपने सांसद के तौर देखना पसंद करते हैं ?

और पढ़ें

error: Content is protected !!