बाराबंकी।
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में करोड़ो रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। शासन स्तर पर हुई शिकायत के बाद कार्यदायी संस्था द्वारा जनपद की सिर्फ एक नगर पंचायत के 372 लाभार्थियों की जांच में ही करोड़ो रुपए का घोटाला होने की पुष्टि हुई है। गौरतलब यह है कि जनपद में वर्ष 2015 से अब तक PMAY-U के तहत 23735 आवास स्वीकृत हुए हैं। ऐसे में यदि जांच का दायरा बढ़ता है तो घोटाले की राशि कई गुना तक बढ़ने की आशंका से इनकार नही किया जा सकता है। यही वजह है कि मामला सामने आने के बाद से ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नज़र आ रहे हैं।
बाराबंकी जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (PMAY-U) की कार्यदायी संस्था स्नो फाउंटेन की तरफ से डूडा के अधिकारियों को भेजी गई एक रिपोर्ट ने ज़िला स्तर से लेकर शासन तक भूचाल मचा दिया है। दरअसल नगर पंचायत हैदरगढ़ के चेयरमैन आलोक तिवारी की शिकायत के बाद निदेशक राज्य नगरीय विकास अभिकरण के निर्देश पर कार्यदायी संस्था स्नो फाउंटेन कंस्लटेंट्स द्वारा कराई गई नगर पंचायत के 372 आवासों की जांच में बड़े पैमाने पर घोटाले की पुष्टि हुई है। घोटाले की पुष्टी के बाद कार्यदायी संस्था स्नो फाउंटेन ने मामले में लिप्त तीन सर्वेयरों की सेवाएं समाप्त करते हुए उनकी जियोटैग आईडी निरस्त करने के लिए पीओ डूडा को पत्र भी लिखा है।
कार्यदायी संस्था द्वारा अपनी रिपोर्ट में अपात्रों को योजना का लाभ देने, जीरो लेवल जियोटैग एक स्थान पर तथा फाउंडेशन लेवल जियोटैग अन्यत्र स्थान पर होना, बिना फाउंडेशन निर्माण दूसरी क़िस्त जारी करने समेत कई चौकाने वाले तथ्यों का उल्लेख जांच रिपोर्ट में किया गया है। हालांकि कितने अपात्रों को आवास दिए गए हैं? कितने आवासों की जियोटैगिंग में हेरफर करी गयी है? और कितने को बिना फाउंडेशन दूसरी क़िस्त जारी की गई है? इसका स्पष्ट उल्लेख रिपोर्ट में नही किया गया है। परियोजना अधिकारी डूडा विजया तिवारी भी इस मामले की जानकारी देने से बचती नज़र आ रही है। लेकिन डूडा के सूत्रों पर विश्वास करे तो घोटाले की रकम के काफी ज़्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसमे डूडा के अधिकारी और कर्मचारी भी संलिप्त बताए जा रहे हैं। यही वजह है कि पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।
ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी पूर्व में हुई शिकायत
चेयरमैन आलोक तिवारी ने पूर्व में भी आरोप लगाया था, कि नगर पंचायत में कई ऐसे लोगों का जियो टैग कर दिया गया है जिनकी नींव तक नहीं भरी गई है। इसके बावजूद भी दूसरी किस्त जारी कर दी गई, जबकि भुगतान होने से पहले पीओं डूडा द्वारा स्वयं पत्रावली चेक की जाती है। चेयरमैन की शिकायत पर अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई थी जिसमें परियोजना अधिकारी, जिला सेवा योजना अधिकारी व तहसीलदार हैदरगढ़ शामिल थे। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके बाद चेयरमैन ने सीधा मुख्यमंत्री योगी व अपर मुख्य सचिव अमृत अभिजात से मामले की शिकायत की थी।
रिपोर्ट – मन्सूफ़ अहमद
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Author: Barabanki Express
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